अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के डेलावेयर स्थित घर और वॉशिंगटन ऑफिस से 8 साल पुरानी खुफिया फाइलों के 20 सेट मिले हैं। अब उन पर ये बताने के लिए दबाव बनाया जा रहा है कि आखिर क्यों उन्होंने ये फाइल्स सरकारी दफ्तर की बजाय अपने घर में रखीं। इन फाइल्स की जांच करने के लिए अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने एक स्पेशल काउंसिल को नियुक्त किया है।
इस खबर में बाइडेन के पास से मिले खुफिया दस्तावेज से जुड़े 3 सवालों के जवाब जानें...
फाइलों में क्या है?
बाइडेन ने कहा है कि उन्हें नहीं पता है कि इन फाइलों में क्या है। हालांकि CNN और न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक पहली 10 फाइलों के सेट में यूक्रेन, ईरान और ब्रिटेन से जुड़ी कुछ खुफिया जानकारियां हैं। ये फाइलें उस समय की हैं जब बाइडेन अमेरिका के उप राष्ट्रपति थे। CNN ने तो यह तक दवा किया है कि इन फाइलों में 2015 में हुई बाइडेन के बेटे बीयू बाइडेन की मौत की जानकारियां भी शामिल हैं।
जब ये फाइलें मिली तो उन पर टॉप सीक्रेट का लेबल लगा हुआ था। हालांकि डॉक्यूमेंट्स के दूसरे सेट में क्या है इस पर किसी के पास ज्यादा जानकारी नहीं है। वहीं बाइडेन के वकील ने बताया है कि इन फाइलों में 8 साल पहले के ओबामा-बाइडेन प्रशासन के कुछ रिकॉर्ड्स हैं।वॉशिंगटन पोस्ट ने दावा किया है कि खुफिया फाइलों का पहला सेट 2 नवंबर को ही मिल गया था। हालांकि इस बात को सार्वजनिक नहीं किया गया। बाइडेन से खुफिया फाइल मिलने की जानकारी CBS न्यूज के खुलासे के बाद ही बाहर आई पाई थी।
फाइल्स का एक्सेस किसके पास होता है?
अमेरिकी सरकार के रोजमर्रा के कामों के लिए वहां की नौकरशाही जिम्मेदार है। सिर्फ एक्जीक्यूटिव ब्रांच में 5 हजार से ज्यादा अधिकारी काम करते हैं। जो डेली के काम के साथ-साथ जब सरकार बदलती है तो सत्ता से जाने वाले नेताओं से दस्तावेज लेने का काम भी करते हैं। जिसके बाद इन दस्तावेजों को संबंधित विभाग के संग्रह में रखा जाता है।BBC के मुताबिक बाइडेन के मामले में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि 7 साल पहले जब सत्ता बदली तो अब मिले इन फाइलों को किसने हैंडल किया था। फाइल जहां मिली हैं उससे एक हिंट जरूर मिल सकता है कि आखिरी बार ये किसके पास थी लेकिन जांच पूरी हुए बगैर उससे कुछ साबित नहीं किया जा सकता है।
फाइल मिलने की सटीक लोकेशन
वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक खुफिया फाइलों का पहला सेट तब सरकारी ऑफिस से बाहर ले जाया गया होगा जब बाइडेन राजनीतिक जिंदगी से रिटायरमेंट की ओर बढ़ रहे थे। बाइडेन ने 2016 में रिपब्लिकन्स के सत्ता में आने के बाद अपने प्राइवेट ऑफिस बनाने शुरू कर दिए थे। 2018 में पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के लिए जो बाइडेन ने एक थिक टैंक पैन बाइडेन सेंटर खोला था। इसी थिंकटैंक में बाइडेन का एक निजी ऑफिस है। जहां खुफिया फाइलों का पहला सेट भी मिला था। जबकि खुफिया फाइलों का दूसरा सेट डेलेवायर में बाइडेन के घर के गैराज से मिला था। जहां वो अपनी लग्जरी कार कोरवेटे खड़ी करते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक बाइडेन छुट्टियां मनाने के लिए जिस घर में ठहरते हैं वहां की भी तलाशी ली गई थी। लेकिन, वहां कुछ नहीं मिला था।
क्या बाइडेन को सजा मिल सकती है?
अमेरिका के क्रिमिनल कोड में क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स को गैर कानूनी तरीके से अपने पास रखना या गलत तरीकों से उन्हें कहीं से हटाना अपराध समझा जाता है। BBC के मुताबिक बाइडेन से जुड़ी फाइलों के मामले में सजा पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। किसी पर भी मुकदमा दर्ज करने से पहले प्रासीक्यूटर को यह साबित करना होगा कि आरोपी ने ये फाइलें जानबूझ कर अपने पास रखी थी।
अगर ऐसा साबित हो भी जाता है तो भी जस्टिस डिपार्टेमेंट स्टैंडिंग पॉलिसी के तहत बाइडेन के खिलाफ कोई क्रिमिनल मुकदमा दर्ज करने पर रोक लगा सकता है। BBC के मुताबिक बाइडेन की राजनीति के नजरिए से यह समस्या बड़ी है उन्हें क्रिमिनल चार्जेज का डर नहीं है।
बाइडेन से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें...
बाइडेन की फिटनेस पर फिर सवाल:G20 में स्टाफ ने लिखकर दिया- कहां बैठना और कब बोलना है; ट्रम्प US प्रेसिडेंट को बीमार कहते
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का एक फोटो वायरल हो रहा है। यह फोटो इंडोनेशिया के बाली में हुई G20 समिट का है। बुधवार को बाइडेन जब इस समिट में पहुंचे तो उनके हाथ में एक कागज था। इस पर तफ्सील से लिखा था कि उन्हें समिट हॉल में क्या-क्या करना है। मसलन, कहां बैठना है- कब और कितनी देर बोलना है। इतना ही नहीं फोटो सेशन में कहां खड़ा होना है, इसके नोट्स भी बनाकर दिए गए थे। पूरी खबर यहां पढ़ें..
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.