अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सोमवार को अचानक यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचे। यहां वे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की के साथ नजर आए। बाइडेन का यह दौरा चौंकाने वाला है। इसकी किसी को कानों-कान खबर नहीं हुई। दरअसल, प्रेसिडेंट बाइडेन शनिवार रात (भारत में रविवार तड़के) पोलैंड गए थे। यहां से वो एक घंटे का सफर करके ट्रेन के जरिए कीव पहुंच गए।
एक रिपोर्ट के मुताबिक बाइडेन के कीव पहुंचने से पहले पूरे इलाके को नो-फ्लाई जोन बनाया गया। इस दौरान अमेरिकी मिसाइल शील्ड (पेट्रियट) भी एक्टिव मोड में कर दी गई। ‘कीव इंडिपेंडेंट’ के मुताबिक पूरे कीव में सिर्फ यही खबर थी कि कोई बेहद खास शख्स राजधानी पहुंच रहा है। बाइडेन की विजिट के पहले कीव के तमाम रास्ते भी बंद कर दिए गए।
बाइडेन के आने से 22 मिनट पहले हवाई हमले का सायरन बजा
बाइडेन के आने का जरा भी अनुमान किसी को नहीं था। सिर्फ 22 मिनट पहले ही रूस के हवाई हमले का सायरन बजा था। इसलिए हर कोई अलर्ट पर था। चंद मिनट बाद ही एक ब्लैक शेवरले कार में बाइडेन नजर आए। बाइडेन की विजिट इसलिए भी अहम हो जाती है, क्योंकि महज 4 दिन बाद रूसी हमले को एक साल पूरा हो जाएगा। बाइडेन ने शनिवार को ही व्हाइट हाउस में साफ कर दिया था कि वो किसी भी सूरत में यूक्रेन का साथ नहीं छोड़ेंगे।
बाइडेन बोले- रूसी मंसूबा नाकाम, हम एक साल बाद भी साथ
कीव में बाइडेन ने कहा- रूस की कोशिश है कि वो यूक्रेन को दुनिया के नक्शे से मिटा दे। पुतिन को लगा था कि वो हमें अलग-थलग कर देगा, लेकिन एक साल बाद भी हम साथ खड़े हैं। मेरी यहां मौजूदगी इसकी मिसाल है।
बाइडेन ने कहा- पाबंदियों के चलते रूस की इकोनॉमी बिल्कुल तबाह हो चुकी है। हम यूक्रेन की मदद करते रहेंगे। उसे नए हथियार और एयर डिफेंस रडार दिए जाएंगे। उन्होंने यूक्रेन को 500 मिलियन डॉलर की मदद, जैवलिन मिसाइल, हॉवित्जर तोपें और आर्टिलरी सपोर्ट देने का भी ऐलान किया।
रूस की इंटेलिजेंस फेल, बाइडेन के दौरे की भनक तक नहीं
खास बात यह है कि बाइडेन ने पोलैंड का दौरा किया और वहां के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मुलाकात की। इसके चंद मिनट बाद ही डिप्लोमैटिक केबल के जरिए रूस को यह बता दिया गया कि VVIP मूवमेंट है और कीव का इलाका नो-फ्लाई जोन रखा गया है। इसके मायने यह थे कि बाइडेन के गुजरने के दौरान कीव के एयरस्पेस में रूस हमला नहीं करेगा।
कहा जा रहा है कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसीज को भनक तक नहीं लगी कि बाइडेन कीव पहुंच सकते हैं। कीव में मौजूद यूक्रेन की फॉरेन मिनिस्ट्री के सामने बैरिकेड लगा दिए गए और चंद मिनट बाद अमेरिकी राष्ट्रपति यहीं कार से उतरे। इस इलाके को सेंट माइकल गोल्डन डोम्ड मॉन्टेसरी कहा जाता है।
बाइडेन के यूक्रेन पहुंचने के मायने- जंग अभी लंबी चलेगी
फॉरेन एक्सपर्ट और JNU में प्रोफेसर राजन कुमार कहते हैं कि इस यात्रा से बाइडन बताना चाहते हैं कि अमेरिका, यूक्रेन के साथ है। अमेरिका की एक पॉपुलर पॉलिसी रही है कि यूरोप से रूस को बाहर रखो और जर्मनी को दबा कर रखो। अब उनके स्टेटमेंट्स बता रहे हैं कि वो युद्ध विराम की तरफ नहीं बढ़ रहे हैं। अमेरिका को लगता है कि रूस के साथ फिलहाल किसी भी तरह का नेगोशिएशन उसकी साख को नुकसान पहुंचाएगा। ऐसे में रूस और यूक्रेन के बीच यह जंग लंबी चलने वाली है।
चीन-रूस को कड़ा संदेश- जंग में यूक्रेन अकेला नहीं
बाइडेन का कीव पहुंचना साफ तौर पर चीन और रूस का एक साथ कड़ा मैसेज है। यूक्रेन के एक जर्नलिस्ट यूवर नेस ने कहा- दो दिन पहले ही बाइडेन ने साफ कर दिया था कि यूक्रेन के मामले पर चीन रूस का साथ दे रहा है और अमेरिका को इस बारे में पूरी जानकारी थी।
लिहाजा, यह तय है कि बाइडेन ने रूस और चीन को बता दिया है कि अमेरिका किसी प्रेशर टैक्टिक्स का शिकार होने वाला नहीं है। यह एक तरह से ईरान को भी मैसेज है, क्योंकि पिछले ही हफ्ते ईरान के प्रेसिडेंट इब्राहिम रईसी अचानक बीजिंग विजिट पर गए थे।
पेंटागन ने भी कहा था कि अमेरिका में चीन का स्पाई बैलून नजर आना और ईरान की इस मामले में एक्टिव पॉलिसी इस बात का साफ इशारा है कि कुछ खिचड़ी पक रही है। अगर ऐसा हुआ तो अमेरिका और नाटो इसका माकूल जवाब देने की ताकत और हक रखते हैं।
पहले भी वॉर एरिया में जाते रहे हैं US प्रेसिडेंट्स
कीव पहुंचे बाइडेन की 5 तस्वीरें देखिए...
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