अमेरिका में पढ़ रहे सिख स्टूडेंट्स अब एजुकेशन इंस्टीट्यूट में कृपाण (सिरी साहिब-धर्म की एक निशानी) पहन सकेंगे। यूनिवर्सिटी ने अपनी वेपन्स ऑन कैंपस पॉलिसी को अपडेट की है। ये फैसला दो महीने पहले हुई एक सिख स्टूडेंट की गिरफ्तारी के बाद लिया गया है।
सितंबर में नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी में एक सिख छात्र कृपाण (सिरी साहिब) डालकर पहुंचा था, लेकिन वहां पर उसे सिरी साहिब उतारने के लिए कहा गया। ऐसा नहीं करने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
क्या है कृपाण
वीरता और साहस की निशानी समझे जाने वाले कृपाण को सिख अक्सर कमर पर लटकाते हैं या फिर या फिर बैग आदि में रखते हैं। ये छोटी तलवार की करह दिखता है। कुछ लोग आजकल कृपाण की जगह छोटे चाकू भी रखते हैं। यूनिवर्सिटी की नई पॉलिसी के मुताबिक, ब्लेड (कृपाण) की लंबाई 3 इंच से कम होनी चाहिए।
यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा- हमने द सिख कोएलिशन और ग्लोबल सिख काउंसिल समेत कई सिख लीडर्स के साथ चर्चा करने के बाद पुरानी पॉलिसी में बदलाव किए गए है।
यूनिवर्सिटी ने छात्र से माफी मांगी
यूनिवर्सिटी चांसलर शेरोन एल गैबर और चीफ डायवर्सिटी ऑफिसर ब्रैंडन एल वोल्फ ने कहा- कृपाण रखने वाले छात्र की गिरफ्तारी के लिए हम माफी मांगते हैं। नई पॉलिसी के लिए गए फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
कृपाण का महत्व
सिखों के पवित्र पांच ककारों में से एक है। गुरु गोविंद सिंह ने सिखों के लिए पांच चीजें अनिवार्य की थीं - केश(बिना कटे बाल), कड़ा (स्टील का कंगन), कृपाण, कचेरा (अंडरशॉर्ट्स) और कंघा। इन सभी को सिखों को अनिवार्य तौर पर पहनना होता है।
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