अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत का मामला गरमाता जा रहा है। देश के लगभग 20 शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं। टेक्सास राज्य के ह्यूस्टन में शुक्रवार की रात करीब 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, प्रदर्शन के दौरान डेट्रॉयट में 19 साल की युवक की गोली लगने से मौत हो गई। पोर्टलैंड में प्रशासन ने दंगे की स्थिति घोषित कर दी है। मिनेपोलिस में 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और प्रदर्शन को शांत कराने के लिए 2500 अफसरों को तैनात किया गया है।
प्रमुख शहरों के हालात
ह्यूस्टन पुलिस विभाग के मुताबिक, प्रदर्शन में चार पुलिस अफसर जख्मी हुए हैं और आठ वाहनों को नुकसान हुआ है। कई पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिसकर्मियों पर अस्पतालों में भी हमले किए गए। कई दुकानों को आग के हवालले कर दिया गया।
डेट्रायट में प्रदर्शन के दौरान अज्ञात व्यक्ति की गोली से 19 साल के एक युवक की जान चली गई। पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है कि युवक प्रदर्शन का हिस्सा था या नहीं। लेकिन, जहां गोली चली वहां प्रदर्शन हो रहे थे। यहां एक अधिकारी पर हमला करने के दौरान एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
मिनेपोलिस में स्थिति खतरनाक बनी हुई है। शहर में प्रदर्शन जारी है। मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ज ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य के इतिहास में यह लोगों द्वारा किया जा रहा अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन है।
अटलांटा में सीएनएन सेंटर के बाहर प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार रात पुलिस पर कांच, पटाखे और ईंट से हमला किया। यहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच काफी तनाव देखने को मिली। हमले में दो पुलिस अफसर घायल हो गए।
डलास के मेयर एरिक जॉनसन ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए न्याय की मांग की है। साथ ही उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की बात कही है। उन्होंने ट्विटर पर कहा- कछ लोग संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
व्हाइट हाउस के बाहर शुक्रवार को सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया
वॉशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस के बाहर भी शुक्रवार को करीब सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद इसे बंद कर दिया गया है। वहीं, अश्वेत व्यक्ति की मौत में शामिल मिनेपोलिस के एक पुलिस अफसर पर थर्ड-डिग्री हत्या का आरोप लगाया गया है। हेनेपिन काउंटी के अटॉर्नी माइक फ्रीमैन ने ये जानकारी दी।
मिनेसोटा में इमरजेंसी लगी
मिनेसोटा राज्य के मिनेपोलिस शहर में दंगे भड़क गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन को तोड़फोड़ के बाद आग के हवाले कर दिया। कुछ जगहों पर लूटपाट हुई। हालात बिगड़ते देख गवर्नर टिम वॉल्ज ने इमरजेंसी लगा दी। न्यूयॉर्क में पुलिस विरोधी प्रदर्शन हुए। इस दौरान कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। उधर, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दंगाइयों को चेतावनी दी। कहा- अगर लूटपाट हुई तो हमारी तरफ से गोलियां चलेंगी।
26 मई को फ्लॉयड को गिरफ्तार किया गया था
मिनेपोलिस में 26 मई को फ्लॉयड को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इससे पहले एक पुलिस अफसर ने फ्लॉयड को सड़क पर दबोचा था और अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब आठ मिनट तक दबाए रखा था। फ्लॉयड के हाथों में हथकड़ी थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें 40 साल का जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाता रहा। उसने कहा, 'आपका घुटना मेरे गर्दन पर है। मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं... ।’’ धीरे-धीरे उसकी हरकत बंद हो जाती है। इसके बाद अफसर कहते हैं, ‘उठो और कार में बैठो’ तब भी उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आती। इस दौरान आस-पास काफी भीड़ जमा होती है। उसे अस्पताल ले जाया जाता है, जहां उसकी मौत हो जाती है।
ट्रम्प ने फ्लॉयड के परिवार से बात की
भारतीय रेस्टोरेंट भी जलाया गया, मालिक बोला कोई बात नहीं
मिनेपोलिस में विरोध-प्रदर्शन के दौरान एक भारतीय रेस्टोरेंट ‘गांधी महल’को भी आग लगा दी गई। रेस्टोरेंट के मालिक ने कहा कि कोई बात नहीं, रेस्टोरेंट को जलने दें। हम तो नुकसान से उबर जाएंगे। जॉर्ज फ्लायड के परिजनों को न्याय मिलना चाहिए। हत्या के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को जेल होनी चाहिए।
ओबामा ने कहा- घटना ने मुझे तोड़ कर रख दिया
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि मिनेसोटा में जॉर्ज फ्लायड के साथ हुई घटना दुखद थी। मैनें वीडियो देखा और रोया। इस वीडियो ने मुझे तोड़ कर रख दिया। इस दौरान ओबामा ने कुछ साल पहले हुई अफ्रीकी-अमरीकी व्यवसायी की मौत की घटना दोहराई। उन्होंने कहा कि हालात अलग हैं, लेकिन कहानी वही है।
यूएन ने कड़े कदम उठाने की मांग की
यूनाइटेड नेशंस (यूएन) की मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैशले ने अमेरिका से पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। बैशले ने कहा कि अमेरिकी पुलिस अधिकारी काफी लंबे समय से अफ्रीकन-अमेरिकन लोगों की हत्या करते रहे हैं। यह घटना नई नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को दोषी ठहराने और सजा देनी की मांग की हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी कई मामलों में ऐसी हत्याओं पर जांच तो हुई है, लेकिन नतीजे कभी सही नहीं आए।
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