भारत में पैदा हुईं अरुणा मिलर ने अमेरिका में इतिहास रच दिया है। वे अमेरिका के मैरीलैंड राज्य की पहली इंडियन-अमेरिकन लेफ्टिनेंट गवर्नर बन गई हैं। उन्होंने भगवत गीता पर हाथ रखकर शपथ ली और पद संभाला। 58 साल की अरुणा का जन्म भारत के हैदराबाद में हुआ था। वे 1972 में अपने परिवार के साथ अमेरिका गई थीं। उन्हें साल 2000 में अमेरिका की नागरिकता मिली थी।
भारतीय-अमेरिकी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं अरुणा
अरुणा मैरीलैंड राज्य की 10वीं लेफ्टिनेंट गवर्नर हैं। 2010 से 2018 तक वे मैरीलैंड के हाउस ऑफ डेलीगेट में भी रही थीं। उन्होंने वहां अपने दो कार्यकाल पूरे किए थे। अरुणा भारतीय-अमेरिकी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। लेफ्टिनेंट गवर्नर के चुनाव में कई ट्रम्प समर्थकों ने उनका समर्थन किया था।
1972 में अमेरिका गई थीं अरुणा
अरुणा पेशे से कैरियर ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियर हैं। उन्होंने 25 साल तक मैरीलैंड के ट्रांसपोर्टेशन डिपार्टमेंट में काम किया है। उनके पिता भी एक मैकेनिकल इंजीनियर थे और 1960 के दशक में अमेरिका गए थे। 1972 में वे अपनी पत्नी और 3 बच्चों को भी अमेरिका ले गए थे। उस समय अरुणा 7 साल की थीं।
परिवार को दिया सफलता का श्रेय
अरुणा ने शपथ के बाद स्पीच में सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया। उन्होंने स्पीच में अमेरिका में स्कूल के पहले दिन की घटना का खास जिक्र किया। उन्होंने बताया- कोई भी मेरे जैसा नहीं दिख रहा था। मुझे अंग्रेजी बिल्कुल नहीं आती थी लेकिन मैं सबके साथ फिट होना चाहती थी। इसलिए मैंने सोचा कि जैसा बाकी बच्चे करेंगे, मैं भी ठीक वैसा ही करूंगी।
मैंने उस दिन कैंटीन में पहली बार अमेरिकी खाना खाया और ठंडा दूध पिया। पहले मुझे सब ठीक लग रहा था, लेकिन क्लास में पहुंचते ही मुझे उल्टी हो गई। इसके बाद मेरी मां मुझे स्कूल से घर ले गईं। मैंने अपनी मां से कहा कि मुझे वापस अपनी दादी के पास भारत जाना है। बड़े होने पर एहसास हुआ कि दूसरों के बनाए स्पेस में मुझे फिट होने की कोई जरूरत नहीं है। जरूरी यह है कि मैं हर जगह जैसी सच में हूं, वैसी ही रहूं।
मेरीलैंड में तीन उच्च पदों पर अश्वेत
मेरीलैंड में तीन उच्च पदों पर अश्वेत चुने गए हैं। वेस मूरे को गवर्नर चुना गया है, अरुणा लेफ्टिनेंट गवर्नर बनी हैं और एंथनी ब्राउन अटॉर्नी जनरल बने हैं।
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