लंदन में 7/7 बम विस्फोट करने वाले जर्मेन लिंडसे की विधवा पत्नी समांथा ल्यूथवेट को इंटरपोल ने साल 2012 की लिस्ट में मोस्ट वांटेड क्रिमिनल की लिस्ट में रखा था, ऐसा माना गया कि वह अफ्रीका के जंगलों में छिपी हुई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, समांथा ल्यूथवेट ने पूर्वी अफ्रीका में सक्रिय सोमालिया के आतंकी संगठन अल -शाबाब का संचालन किया था। दस साल पहले वह गायब हो गई और उसके परिवार को भी लगने लगा है कि वह मर चुकी है। समांथा के चार बच्चे हैं।
समांथा ल्यूथवेट नॉर्थ आयरलैंड में पैदा हुईं और इंग्लैंड में रहती थी। माता-पिता के तलाक के बाद आयरिश मूल की समांथा ने इस्लाम धर्म को अपना लिया। इसके बाद इराक में जारी लड़ाई के दौरान जब लंदन में प्रदर्शन हो रहे थे, तब उसकी मुलाकात जर्मेन लिंडसे से हुई। दोनों के बीच अच्छी बॉन्डिंग के चलते कुछ समय बाद ही दोनों ने इस रिश्ते को शादी में तब्दील कर दिया। दुनिया की सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि वह अभी भी सोमालिया या तंजानिया के घने जंगलों में छुपी हो सकती है।
मीडिया ने समांथा को दिया नया नाम
जर्मेन लिंडसे ने सोमालिया के आतंकी संगठन अल-शबाब से काम करना शुरु कर दिया था। जिसके कुछ वक्त के बाद समांथा भी इस संगठन से जुड़ गईं। लंदन में 2005 में ट्रेन में आतंकी हमला हुआ जो अंडरग्राउंड ट्रेन और एक बस में हुआ था, इनमें कुल 26 लोगों की मौत हो गई थी। जर्मेन लिंडसे आतंकी हमला करने वाले आतंकियों में शामिल था और आत्मघाती हमले में वह भी मारा गया।
हमले के बाद जब पुलिस ने उनकी घर की जांच के लिए दबिश मारी तो समांथा वहां पहले से मौजूद थीं। जांच के दौरान घर में काफी भड़काऊ सामान मिला और बम बनाने का सामान भी था। क्योंकि समांथा एक अश्वेत ब्रिटिश थीं जिन्होंने इस्लाम धर्म को अपनाया था। आयरिश होने की वजह से उनका रंग काफी गोरा था इसलिए मीडिया में उसका नाम 'द व्हाइट विडो' पड़ गया।
कई आतंकी हमलों की मास्टरमाइंड
2012 में मोम्बासा में आतंकी हमला हुआ, जिसमें कई फुटबॉल फैन मारे गए। खुफिया जानकारी के मुताबिक इस हमले की मास्टरमाइंड समांथा को बतलाया जाता है। वहीं उसपर केन्या के अपने घर में बम का सामान, हथियार रखने का भी आरोप है।
समांथा की तलाश में इंटरपोल समेत केन्या और ब्रिटेन की पुलिस जुटी हुई है, लेकिन अभी तक समांथा कहां हैं इसकी किसी को खबर तक नहीं। 2014 में एक अफवाह के मुताबिक माना जा रहा था कि रूस के एक स्नाइपर शूटर ने उन्हें मार गिराया था, लेकिन इंटेलिजेंस के रिपोर्ट से इसकी पुष्टि नहीं हुई और मालूम चला कि वह अब तक आजाद घूम रही है। साल 2015 में केन्या की यूनिवर्सिटी में हुए आतंकी हमले से समांथा को लिकं किया गया था जिसमें 148 लोग मारे गए थे।
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