यूक्रेन के सुमी शहर में फंसे 694 भारतीय छात्रों को रेस्क्यू कर लिया गया है। ये सभी छात्र भारतीय दूतावास की बसों से पोल्टावा पहुंचे। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने इस बारे में जानकारी दी। खास बात यह रही कि भारतीय मिशन ने सुमी से विदेशी छात्रों को भी रेस्क्यू किया। इसके साथ ही यूक्रेन में भारतीय छात्रों का रेस्क्यू मिशन लगभग पूरा हो गया है।
इससे पहले एक स्पेशल फ्लाइट यूक्रेन से 200 भारतीय छात्रों को रोमानिया के सुसेवा से लेकर दिल्ली पहुंची। आज सुसेवा से एक फ्लाइट और आएगी। यूक्रेन से लौटे एक छात्र ने कहा- "जब हम बस में यात्रा कर रहे थे, वहां कोई बम विस्फोट नहीं हुआ। सरकार और दूतावास ने हमारी बहुत मदद की, हम वापस आकर बहुत खुश हैं।"
यूक्रेन में फंसे करीब 20 हजार भारतीयों में से करीब 17,400 लोगों को एयरलिफ्ट करके भारत लाया जा चुका है। यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारतीयों को लाने के मिशन को ऑपरेशन गंगा नाम दिया गया है। इसमें से हंगरी और पोलैंड से एयरलिफ्ट का काम पूरा हो गया है। इंडियन एयरफोर्स ने भी ऑपरेशन गंगा में भाग लिया। एयरफोर्स के C-17 ग्लोबमास्टर की 10 उड़ानों से 2056 यात्रियों को वापस लाया गया था।
इधर, यूक्रेन से पढ़ाई अधूरी छोड़कर जाने वाले छात्रों को हंगरी की यूनिवर्सिटीज ने राहत की पेशकश की है। हंगरी ने भारत, नाइजीरिया और अन्य अफ्रीकी देशों के छात्रों को हंगरी के विश्वविद्यालयों में अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए कहा है।
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पूरे यूक्रेन में सीजफायर, सुमी में फंसे भारतीय छात्रों का रेसक्यू जारी
पूरे यूक्रेन में सीजफायर के बाद सुमी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में फंसे भारतीय छात्रों को निकाला जा रहा है। उनके लिए बसों का प्रबंध किया गया है। उम्मीद है कि आज सभी को बाहर निकाल लिया जाया जाएगा। बता दें कि यहां करीब 600 भारतीय स्टूडेंट्स फंसे हैं। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा था कि अगर उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए भारत सरकार और दूतावास जिम्मेदार होगा।
गोली लगने से घायल हरजोत सिंह भी दिल्ली लौटे
यूक्रेन की राजधानी कीव में गोली लगने से हुए घायल भारतीय छात्र हरजोत सिंह मंगलवार को दिल्ली पहुंचे। उन्हें सड़क मार्ग पर 700 किलोमीटर का सफर तय कराकर यूक्रेन का बॉर्डर पार कराया गया था। भागदौड़ के बीच उनका पासपोर्ट भी खो गया था।
मेडिकल स्टूडेंट्स ने लगाई सुप्रीम कोर्ट में याचिका
यूक्रेन से लौटे छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने मांग की है कि उन्हें भारत में कोर्स पूरा करने की अनुमति दी जाए। याचिका पार्थवी आहूजा और प्राप्ति सिंह ने लगाई है। उनका तर्क है कि मौजूदा हालातों के बीच उनकी पढ़ाई पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं, ऐसे में उनकी समस्या का समाधान भारत के एजुकेशन सिस्टम के अनुसार मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने की अनुमति देकर किया जा सकता है।
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