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कबीरदास जी की जयंती 14 जून को:कबीर के 10 दोहे; इनके सूत्रों को जीवन में उतार लेंगे तो बड़ी-बड़ी समस्याओं को आसानी से दूर पाएंगे

एक वर्ष पहले
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जैसे अनाज साफ करने वाला सूप होता है, वैसा ही स्वभाव साधु यानी सज्जन व्यक्ति का होना चाहिए। सूप अन्न को बचा लेता है और भूसे को उड़ा देता है। बुद्धिमान व्यक्ति वही है सिर्फ बात को सारंश को महत्व देता है और व्यर्थ बातों पर ध्यान नहीं देता है। - Dainik Bhaskar
जैसे अनाज साफ करने वाला सूप होता है, वैसा ही स्वभाव साधु यानी सज्जन व्यक्ति का होना चाहिए। सूप अन्न को बचा लेता है और भूसे को उड़ा देता है। बुद्धिमान व्यक्ति वही है सिर्फ बात को सारंश को महत्व देता है और व्यर्थ बातों पर ध्यान नहीं देता है।

मंगलवार, 14 जून को संत कबीर की जयंती है। ऐसा माना जाता है कि संत कबीर का जन्म करीब 624 साल पहले हुआ था। उत्तर प्रदेश में काशी के पास स्थित लहरतारा के एक तालाब के पास निरू और नीमा नाम के मुस्लिम दंपत्ति को एक नवजात शिशु मिला था। ये दोनों उस बच्चे को लेकर अपने घर आ गए। यही बच्चा बड़ा होकर कबीरदास के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

उस समय कबीरदास का घर जहां था, वह आज कबीर चौरा मठ क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। कबीरदास जी ने इस जगह को ही अपना कर्म स्थल बनाया था। वे इसी क्षेत्र में प्रवचन भी देते, चरखा चलाते थे।

कबीरदास जी ने अपने दोहों में जीवन को सुखी और सफल बनाने के सूत्र बताए हैं। अगर इन सूत्रों को जीवन में उतार लिया जाए तो हम कई बड़ी समस्याओं को दूर कर सकते हैं।

यहां जानिए कुछ खास दोहे...

हम जितना खोजते हैं, जितनी मेहनत करते हैं, उतना प्राप्त कर लेते हैं। जिस तरह गोताखोर पानी में जाता है तो कुछ न कुछ लेकर ही आता है। जो व्यक्ति किनारे पर बैठा रहता है, उसे कुछ भी नहीं मिलता है।
हम जितना खोजते हैं, जितनी मेहनत करते हैं, उतना प्राप्त कर लेते हैं। जिस तरह गोताखोर पानी में जाता है तो कुछ न कुछ लेकर ही आता है। जो व्यक्ति किनारे पर बैठा रहता है, उसे कुछ भी नहीं मिलता है।
कुटिल वचनों यानी बुरी बातों से व्यक्ति का पूरा शरीर जलने लगता है। साधु वचन यानी अच्छी बातें अमृत की तरह होती हैं। जब कोई अच्छी बातें बोलता है तो ऐसा लगता है जैसे अमृत बरस रहा है।
कुटिल वचनों यानी बुरी बातों से व्यक्ति का पूरा शरीर जलने लगता है। साधु वचन यानी अच्छी बातें अमृत की तरह होती हैं। जब कोई अच्छी बातें बोलता है तो ऐसा लगता है जैसे अमृत बरस रहा है।
हालात कैसे भी हों, हमेशा धैर्य से काम लें। अगर कोई व्यक्ति एक ही दिन में सौ घड़े किसी पेड़ में डाल देगा तब भी पेड़ में फल तो समय आने पर ही लगेंगे।
हालात कैसे भी हों, हमेशा धैर्य से काम लें। अगर कोई व्यक्ति एक ही दिन में सौ घड़े किसी पेड़ में डाल देगा तब भी पेड़ में फल तो समय आने पर ही लगेंगे।
इंसान ज्ञान के बिना अंधे व्यक्ति की तरह होता है। इंसान को सब कुछ गुरु ही बताता है। अगर कभी भगवान नाराज हो जाते हैं तो गुरु भगवान को मनाने का उपाय बता देता है। लेकिन गुरु ही नाराज हो जाए तो हमारी मदद कोई नहीं करता है।
इंसान ज्ञान के बिना अंधे व्यक्ति की तरह होता है। इंसान को सब कुछ गुरु ही बताता है। अगर कभी भगवान नाराज हो जाते हैं तो गुरु भगवान को मनाने का उपाय बता देता है। लेकिन गुरु ही नाराज हो जाए तो हमारी मदद कोई नहीं करता है।
परमात्मा आप मुझे सिर्फ इतना ही दें, जिससे मेरा और मेरे परिवार का पालन हो सके। साथ ही मेरे घर जो भी साधु-संत और मेहमान आएं, उन्हें भी खाना मिल सके। मेरे घर से कोई भूखा न जाए।
परमात्मा आप मुझे सिर्फ इतना ही दें, जिससे मेरा और मेरे परिवार का पालन हो सके। साथ ही मेरे घर जो भी साधु-संत और मेहमान आएं, उन्हें भी खाना मिल सके। मेरे घर से कोई भूखा न जाए।
अगर कोई व्यक्ति गुरु की सीख सुनता है और मानता है तो उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं। जो व्यक्ति गृहस्थ हैं, उसे भिक्षा नहीं मांगनी चाहिए। कर्म करके अपना और अपने परिवार का पालन करना चाहिए। तभी सम्मान मिलता है।
अगर कोई व्यक्ति गुरु की सीख सुनता है और मानता है तो उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं। जो व्यक्ति गृहस्थ हैं, उसे भिक्षा नहीं मांगनी चाहिए। कर्म करके अपना और अपने परिवार का पालन करना चाहिए। तभी सम्मान मिलता है।
जिस व्यक्ति ने कभी प्रेम नहीं किया है, वह व्यक्ति उस मेहमान की तरह होता है जो किसी खाली घर में आता है और वहां से ऐसे ही चला जाता है। उसे खाली घर से कुछ नहीं मिलता।
जिस व्यक्ति ने कभी प्रेम नहीं किया है, वह व्यक्ति उस मेहमान की तरह होता है जो किसी खाली घर में आता है और वहां से ऐसे ही चला जाता है। उसे खाली घर से कुछ नहीं मिलता।
मान, महत्व, प्रेम, गुण और स्नेह, ये सभी पानी की तरह होते हैं। जब किसी व्यक्ति से कुछ देने के लिए कहा जाता है तो ये सभी बह जाते हैं।
मान, महत्व, प्रेम, गुण और स्नेह, ये सभी पानी की तरह होते हैं। जब किसी व्यक्ति से कुछ देने के लिए कहा जाता है तो ये सभी बह जाते हैं।
छोटे से तिनके का भी महत्व होता है। तिनके की कभी भी निंदा न करें। हो सकता है जो तिनका आज पैरों के नीचे दबा है, वही कल तेज हवा की वजह से हमारी आंखों में गिर जाए। ठीक इसी तरह हमें किसी भी इंसान को कमजोर नहीं समझना चाहिए, कभी किसी की निंदा न करें।
छोटे से तिनके का भी महत्व होता है। तिनके की कभी भी निंदा न करें। हो सकता है जो तिनका आज पैरों के नीचे दबा है, वही कल तेज हवा की वजह से हमारी आंखों में गिर जाए। ठीक इसी तरह हमें किसी भी इंसान को कमजोर नहीं समझना चाहिए, कभी किसी की निंदा न करें।