मार्च का आखिरी सप्ताह व्रत-पूजा और पर्व वाला रहेगा। इस हफ्ते के पहले दिन भगवान कार्तिकेय और छठी देवी के साथ सूर्य पूजा होगी। इसके अगले दिन भी अर्घ्य देकर सूर्य पूजा की जाएगी क्योंकि इस दिन सप्तमी तिथि है। जिसके स्वामी सूर्य होते हैं।
बुधवार, 29 तारीख को अष्टमी होने से देवी दुर्गा की विशेष पूजा होगी। वहीं, 30 मार्च को चैत्र नवरात्रि का आखिरी होगा। इस दिन रामनवमी पर्व भी मनेगा।
मार्च के आखिरी हफ्ते के शुरुआती 4 दिनों के तीज-त्योहार...
27 मार्च, सोमवार: चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि होने से इस दिन भगवान कार्तिकेय और सूर्य पूजा करने का महत्व है। इस तिथि पर यमुना नदी में नहाने की भी परंपरा है। इसलिए इसे यमुना छठ भी कहा जाता है।
28 मार्च, मंगलवार: इस दिन चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी रहेगी। ये भद्रा तिथि है और इसके स्वामी सूर्य हैं। इस दिन उगते हुए सूरज को जल चढ़ाने से बीमारियां दूर होती है। इस तिथि पर भगवान सूर्य के लिए व्रत रखने का भी विधान है। इस व्रत में फलाहार में भी नमक नहीं खाया जाता है।
29 मार्च, बुधवार: चैत्र नवरात्रि की आठवीं तिथि होने से इस दिन देवी दुर्गा की महापूजा होती है। नवरात्रि के चलते इस तिथि पर कन्या भोज और हवन करवाने का विधान भी ग्रंथों में बताया गया है। साथ ही इस तिथि पर ब्रह्मपुत्र नदी में स्नान करने की परंपरा भी है।
30 मार्च, गुरुवार: चैत्र महीने की नवमी तिथि होने से ये भद्रकाली पूजा का दिन रहेगा। इसी दिन चैत्र नवरात्रि का समापन हो जाएगा। साथ ही इस तिथि पर देवी दुर्गा की विशेष पूजा और जवारे विसर्जन किए जाते हैं। इसी दिन श्रीराम जन्मोत्सव यानी रामनवमी पर्व भी मनेगा।
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