आज का जीवन मंत्र:हम पढ़े-लिखे हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि दूसरों का अपमान करें

2 वर्ष पहले
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कहानी - रावण की पत्नी मंदोदरी बहुत समझदार थीं। उसने हर अवसर पर रावण को समझाने की कोशिश की और अधर्म करने से रोका था। रावण अहंकारी था, इस कारण वह मंदोदरी की बातें मानता नहीं था।

श्रीराम पूरी वानर सेना के साथ लंका पहुंच चुके थे। राम और रावण के बीच युद्ध होने की स्थिति बन चुकी थी। ये तय हो चुका था कि अब कभी भी आक्रमण हो सकता है। मंदोदरी ने रावण से अकेले में कहा, 'अभी भी समय है, आप सीता को लौटा दीजिए। मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती करती हूं। मेरी इस विनती को समझिए। इसी में हम सभी का भला है।'

उस समय रावण ने मंदोदरी की बात को अनसुना किया और उसका अपमान भी किया। रावण ने अपमान करते हुए कहा, 'तुम स्त्रियों में आठ अवगुण सदा रहते हैं, साहस, झूठ बोलना, चंचलता, माया, भय, अविवेक, अशुद्धि और तुम निर्दयी हो।'

रावण ने खुद की पत्नी के साथ ही पूरी स्त्री जाति का अपमान कर दिया। इसके बाद मंदोदरी बोलीं, 'आप इसका बहुत बड़ा नुकसान उठाएंगे।'

बाद में युद्ध हुआ और राम ने रावण का वध कर दिया।

सीख - अपने अहंकार की वजह से हम अच्छी बातों को तो अनसुना कर ही देते हैं, साथ ही हम अच्छे लोगों का भी अपमान कर देते हैं। अगर हम पढ़े-लिखे हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करें। जो लोग लगातार दूसरों का अपमान करते हैं, उनका पतन होना तय हो जाता है।