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सोमवार, 29 जून को भड़ली नवमी है। इस तिथि का महत्व काफी अधिक है। इस दिन बिना मुहूर्त देखे भी विवाह आदि मांगलिक कर्म किए जा सकते हैं। इसे अबुझ मुहूर्त माना जाता है। आषाढ़ मास की नवरात्र की अंतिम तिथि भड़ली नवमी है। इस नवरात्र में दस महाविद्याओं की आराधना की जाती है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार नवमी के बाद 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इसके बाद 5 माह के लिए सभी मांगलिक कर्म बंद हो जाएंगे। इस साल आश्विन अधिकमास की वजह से चातुर्मास पांच माह के रहेंगे। 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी से फिर से मांगलिक कर्म शुरू हो सकेंगे।
सोमवार और भड़ली नवमी के योग करें शिव-पार्वती की पूजा
इस शुभ दिन गणेशजी, शिवजी और देवी पार्वती की विशेष पूजा करें। शिवलिंग के पास दीपक जलाएं और ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नम: मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करें। मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना चाहिए। पूजा के बाद जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें। वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के लिए पति-पत्नी को शिवलिंग की पूजा एक साथ करनी चाहिए और जलाधारी पर कुमकुम, हल्दी, लाल चूड़ियां, लाल साड़ी, लाल गुलाब चढ़ानी चाहिए।
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