आज (22 मार्च) से चैत्र नवरात्रि शुरू हो गई है। एक साल में चार बार नवरात्रि आती है। देवी पूजा के ये नौ दिन पूजा-पाठ के साथ ही हमारी हेल्थ के लिए भी फायदेमंद हैं। इन दिनों में किए गए व्रत-उपवास से पाचन तंत्र को आराम मिलता है, पेट से जुड़ी छोटी-छोटी कई समस्याएं व्रत से दूर हो सकती हैं। नवरात्रि के बारे में जानने के लिए हमने उज्जैन के ज्योतिषाचार्य और शास्त्रों के जानकार पं. मनीष शर्मा से, जानिए चैत्र नवरात्रि से जुड़ी खास परंपराएं और उनके फायदे...
सवाल - देवी दुर्गा के नौ स्वरूप कौन-कौन से हैं?
जवाब - नवरात्रि के नौ स्वरूपों के बारे में मार्कंडेय पुराण के देवी कवच में लिखा है-
प्रथम शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघण्टेती कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।।
पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गाः प्रकीर्तिताः।
नवदुर्गा देवी का पहला स्वरूप हैं देवी शैलपुत्री। दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्मांडा, पांचवीं स्कंदमाता, छठी कात्यायनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी और नौवीं देवी सिद्धिदात्री हैं।
नवरात्रि के नौ अलग-अलग दिनों में इन नौ देवियों की पूजा की जाती है।
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