कहानी - पूरी अयोध्या सजा जा रही थी। सभी को अपने-अपने ढंग से सूचना मिल गई थी कि 14 वर्षों के वनवास के बाद श्रीराम अयोध्या लौट रहे थे। अयोध्या का कोना-कोना उत्सव में डूबा था। सब जगह दिवाली थी। एक ऐसा प्रकाश फैला था, जिसने 14 वर्ष के अंधकार को दूर कर दिया था।
जब श्रीराम अयोध्या में प्रवेश करते हैं तो दो खास घटनाएं उस समय हुई थीं। पहली, वे भरत से मिले। भरत ने श्रीराम को अयोध्या का राजकाज सौंप दिया।
दूसरी घटना ये हुई कि श्रीराम ने इतने रूप धारण किए कि वे अयोध्या के हर एक व्यक्ति को ऐसा लगा कि उनके राम उनसे व्यक्तिगत रूप से मिले हैं।
सीख - ये दो घटनाएं दीपावली के लिए हमें संदेश देती हैं कि हमारे पास जो भी धन-संपत्ति है, वो परमात्मा की दी हुई है। समाज में जो लोग निर्धन हैं, उन्हें दीपावली पर उनका हिस्सा लौटाया जाए, धन दिया जाए, ताकि वे भी ये पर्व मना सके। श्रीराम प्रेम से सभी से मिले थे, हम भी जब किसी व्यक्ति से मिलें तो प्रेम के साथ ही मिलें, किसी के साथ भेदभाव न करें। जिन लोगों के पास हमारे मुकाबले कम धन हैं, उनके साथ भी प्रेम से मिलें और उन्हें भी मान-सम्मान दें। यही उन लोगों के लिए सबसे बड़ा धन है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.