शनिवार, 22 अक्टूबर से धन तेरस के साथ दीपोत्सव शुरू हो रहा है। पंचांग भेद की वजह से कुछ जगहों पर 23 अक्टूबर को धन तेरस है। इसके बाद रूप चौदस और फिर 24 को दीपावली पर लक्ष्मी पूजा की जाएगी। 25 को सूर्य ग्रहण होगा। 26 को गोवर्धन पूजा और 27 को भाई दूज रहेगी। दीपावली के दिनों में देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने के लिए पूजा-पाठ के साथ ही अन्य परंपराओं का पालन भी किया जाता है। जैसे घर के बाहर रंगोली बनाना, गौमूत्र का छिड़काव करना, पूजा में पीले चावल चढ़ाना आदि।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए दीपावली से जुड़ी कुछ खास परंपराएं और उनसे मिलने वाले लाभ कौन-कौन से हैं...
रंगोली बनाने से मन होता है शांत
घर के बाहर सुंदर रंगोली बनानी चाहिए। इस परंपरा से धर्म के साथ ही मानसिक लाभ भी मिलते हैं। रंगोली पवित्रता बढ़ाती है और घर में उत्सव का माहौल बन जाता है। मान्यता है कि देवी-देवता रंगोली से जल्दी आकर्षित होते हैं। रंगोली बनाने के लिए मन को एकाग्र करना होता है, ये ध्यान लगाने की तरह ही है, जिससे मन शांत होता है। जब कोई व्यक्ति रंगोली के अलग-अलग रंग देखता है, उसका मन प्रसन्न होता है और प्रसन्नता के वह हमारे घर में प्रवेश करता है।
फूलों की सजावट से बढ़ता है उत्सव मनाने का उत्साह
दिवाली पर पूरे घर की साफ-सफाई के बाद फूलों से सजावट करने की परंपरा है। अलग-अलग फूलों की सुंदरता और महक से घर में सकारात्मकता बनी रहती है।
सुंदर फूलों की सजावट देखकर उत्सव मनाने का उत्साह बढ़ता है। मान्यता है कि देवी-देवताओं को फूल बहुत प्रिय होते हैं। इस वजह से हर एक पूजा में फूल जरूर रखे जाते हैं।
घर में करें गौमूत्र का छिड़काव
धर्म के साथ आयुर्वेद में भी गौमूत्र के कई लाभ बताए गए हैं। गौमूत्र पीने से कई रोगों में लाभ होता है। अगर घर में गौमूत्र का छिड़काव किया जाता है तो इसकी तेज गंध वातावरण में मौजूद हानिकारक कीटाणुओं को नष्ट कर देती है। इसके छिड़काव से वास्तु दोष भी शांत होते हैं।
घर में समय-समय पर गौमूत्र का छिड़काव करते रहना चाहिए। मान्यता है कि जिन घरों ये काम किया जाता है, वहां सभी देवी-देवताओं की विशेष कृपा बनी रहती है।
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