इस बार तेज गर्मी के कारण पूरा मई गर्मी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। इससे लगता है कि बुधवार से शुरू होने वाले नौतपा के दौरान गर्मी और उमस बढ़ जाएगी। जिससे जमीन ज्यादा तपेगी और धरती की उर्वरता और बढ़ेगी। इसी नौतपा में गर्मी ज्यादा होने से वर्षा ऋतु में होने वाली बारीश ज्यादा होगी। नवग्रह के राजा सूर्य देव नक्षत्र मेखला की गणना के अनुसार 25 मई को दोपहर तकरीबन 3 बजे रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इस नक्षत्र में 8 जून का रहेगा। इनमें से पहले नौ दिन नौतपा कहलाते हैं। ये समय आने वाली वर्षा ऋतु के चक्र को मजबूत करने में बहुत खास माना जाता है। इससे नौतपा में गर्मी उमस और बढ़ेगी। मान्यता है कि इन दिनों आम गर्मी के दिनों से ज्यादा गर्मी पड़ती है।
अच्छी बारिश होने के योग
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि इस साल रोहिणी का निवास समुद्र में रहेगा और समय का वास माली के घर होने से प्रजा में सुख, वैभव, बढ़ोतरी होगी। समय अनुसार बारिश होगी किसानों को खुशहाल बनाएगा। वर्षा उत्तम रहेगी धान्यदि का उत्पादन बढ़ेगा। धान्यदि के साथ, खाद्य पदार्थ में स्थिरता बनी रहेगी। फल, सब्जी का उत्पादन बढ़ने से कीमतों में कमी दिखाई देगी। अनाज बढ़ेगा। रोहिणी यह स्थिति वर्षा ऋतु में उत्तम वृष्टि का संकेत दे रही है। इस बार 80 फीसद तक बारिश होने के योग बन रहे हैं।
नवतपा के शुरुआती छह दिन तेज गर्मी के साथ उमस परेशानी पैदा करेगी। गर्म हवाओं के चलने से सूर्यास्त के बाद भी गर्मी महसूस होगी। आखिरी तीन दिन में तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी और देश में कुछ जगहों पर हल्की-फुल्की बारिश के भी योग बनेंगे।
ऐसे समझें नौतपा को
हर साल सूर्य 25-26 मई को रोहिणी नक्षत्र में आता है। इस नक्षत्र में 15 दिनों तक रहता है। लेकिन शुरुआती नौ दिनों में सूर्य वृष राशि में तकरीबन 10 से 17 डिग्री तक होता है। जिससे पृथ्वी पर सूर्य का प्रभाव ज्यादा रहता है। इसलिए इसे नौतपा कहते हैं।
मई के आखिरी हफ्ते में पृथ्वी पर सूर्य की किरणें ज्यादा समय तक रहती है। इस दौरान 12 की बजाय करीबन 14 घंटे का दिन होता है। इसके चलते तापमान बढ़ता है। इस अधिक तापमान के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है, जो समुद्र की लहरों को आकर्षित करता है। इस कारण कई जगह पर तूफान और बारिश जैसे आसार बनते दिखाई देते हैं।
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