गुरुनानक से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जिनमें जीवन प्रबंधन के सूत्र छिपे हैं। अगर इन सूत्रों को जीवन में उतार लिया जाए तो हम कई समस्याओं से बच सकते हैं। जानिए गुरुनानक से जुड़ा एक ऐसा किस्सा, जिसमें उन्होंने गुरु पर भरोसा रखने की संदेश दिया है।
एक दिन गुरुनानक देव अपने कुछ शिष्यों के साथ यात्रा कर रहे थे। यात्रा करते समय वे एक जंगल में पहुंच गए। उस समय नानक जी के पास एक कटोरा था। इसी कटोरे से नानक जी पानी पीते थे। इस में खाना लेकर खाते थे। सभी शिष्य भी इस बारे में जानते थे।
जंगल में गुरुनानक और शिष्यों को कीचड़ का एक गड्ढा दिखाई दिया। नानक जी ने अपना वो कटोरा उसी गड्ढे में डाल दिया। ये देखकर सभी शिष्य हैरान हो गए।
गुरुनानक ने कहा कि जाओ, मेरा कटोरा कीचड़ से निकाल लाओ।
कीचड़ था तो सभी शिष्य सोचने लगे कि कीचड़ में से कटोरा कैसे निकालें? अंदर जाएंगे तो कपड़े खराब हो जाएंगे, गंदगी में उतरने के लिए कोई तैयार नहीं था।
उस समय एक शिष्य जिसका नाम लहना था, वह तुरंत ही उस गड्ढे में उतर गया। उसने कटोरा कीचड़ से निकाला, साफ पानी से धोया और गुरुनानक को दे दिया।
गुरुनानक ने कटोरा कीचड़ में फेंककर शिष्यों को परखा था। लहना को छोड़कर शेष सभी शिष्य बहाना बना रहे थे, कोई भी गुरु की बात मानने को तैयार नहीं था, लेकिन लहना ने गुरु की बात को माना और कटोरा कीचड़ से निकाल लिया। बाद में यही शिष्य लहना गुरु अंगद के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
इस किस्से में गुरुनानक में हमें संदेश दिया है कि गुरु की आज्ञा का पालन तुरंत करना चाहिए। गुरु पर भरोसा रखेंगे तो गुरु की कृपा मिलेगी और हमारी कई समस्याएं दूर हो सकती हैं।
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