सावन महीना 11 अगस्त तक रहेगा। ये भगवान शिव का प्रिय महीना है। शिव पुराण के मुताबिक इन दिनों शिवजी की विशेष पूजा की जाती है। वहीं, भविष्य और विष्णुधर्मोत्तर पुराण के मुताबिक सावन महीने में भगवान विष्णु का अभिषेक और पूजा करने से हर तरह के दोष खत्म हो जाते हैं। इस दिन व्रत रखकर दान दिया जाता है। साथ ही तुलसी पूजा करने का भी विधान बताया गया है। भगवान हरि यानी विष्णुजी और हर यानी शिवजी की पूजा होने से इस दिन को पर्व भी कहा गया है।
सावन गुरुवार पर क्या करें
श्रावण मास के गुरुवार को भगवान विष्णु के साथ ही देवी लक्ष्मी का अभिषेक करें। पूजा में दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और अभिषेक करें। बाल गोपाल का भी इसी तरह अभिषेक करें। श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
तुलसी पूजा: इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करना चाहिए। इसके बाद तांबे के लोटे में साफ जल भरकर उसमें गंगाजल की कुछ बूंदे डालें फिर तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं। फिर कुमकुम, चंदन, अक्षत, हल्दी, मेहंदी और फूल चढ़ाकर घी का दीपक लगाएं। इसके बाद पौधे की परिक्रमा करें। शाम को सूर्यास्त के समय भी दीपक लगाना चाहिए।
शिव पूजा: सावन का महीना होने से इस दिन शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए। भगवान को बिल्व पत्र और धतूरा भी चढ़ाएं। दीपक और कर्पूर जलाकर आरती करें।
किन चीजों का दान करें
सावन महीने के गुरुवार को जरुरतमंद लोगों को कपड़े, खाना, फलों का रस, नमक, जूते-चप्पल और छाते का दान करने का विधान है। इस दिन घी, गुड़, काले तिल, रुद्राक्ष और दीपदान भी करना चाहिए।
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