गुरुवार, 28 जुलाई को सावन महीने की अमावस्या है। ये प्रकृति के ऋण को उतारने का दिन है। प्रकृति से हमें हवा, पानी, धूप, भोजन सब कुछ मिलता है। इंसान अपनी सुख-सुविधाओं के लिए लगातार प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहा है, ऐसे में हरियाली अमावस्या का संदेश ये है कि हमें प्रकृति की देखभाल करनी चाहिए। कुछ ऐसे काम करना चाहिए, जिनसे प्रकृति को लाभ मिल सके। प्रकृति की हरियाली बनी रहे, इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाना चाहिए।
ज्योतिषाचार्य पंडित निलेश शास्त्री के मुताबिक हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग रहेगा। अमावस्या बुधवार की रात 9 बजे से शुरू हो जाएगा और अगले दिन यानी गुरुवार की रात करीब 11 बजे तक रहेगी। इस तरह अमावस्या करीब 26 घंटे की रहेगी। गुरुवार की सुबह 7 बजे से गुरु पुष्य नक्षत्र और अमृत सिद्धि योग शुरू होगा। इन योगों में पितरों के लिए धूप-ध्यान, श्राद्ध, तर्पण आदि शुभ कर्म जरूर करना चाहिए। धूप-ध्यान दोपहर में करना चाहिए, क्योंकि दोपहर के बाद का समय पितरों से संबंधित धर्म-कर्म के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
हरियाली अमावस्या पर कर सकते हैं ये शुभ काम
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