जब हम खुद की मेहनत पर भरोसा करते हैं तो मुश्किल से मुश्किल काम सफल हो जाते हैं। इसलिए किसी चमत्कार पर नहीं, अपनी मेहनत पर भरोसा रखना चाहिए। हम ये बात श्रीराम से सीख सकते हैं। रामायण में श्रीराम वानर सेना के साथ दक्षिण दिशा में समुद्र किनारे पहुंच गए थे।
श्रीराम को पूरी वानर सेना के साथ समुद्र पार करके लंका पहुंचना था, ताकि रावण की कैद से सीता को मुक्त कराया जा सके। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि वानर सेना समुद्र पार करके लंका कैसे पहुंचेगी। जामवंत वानर सेना के सबसे अनुभवी व्यक्ति थे, वे श्रीराम की शक्तियों के बारे में जानते थे। उन्होंने श्रीराम से कहा कि आप तो इस समुद्र को आसानी से सूखा सकते हैं। समुद्र सूख जाएगा तो पूरी वानर सेना लंका आसानी से पहुंच जाएगी।
जामवंत की बात सुनकर श्रीराम बोले कि हमें समुद्र देव बताया है कि हमारी सेना में नल-नील दो वानर ऐसे हैं, जिनकी मदद से समुद्र पर सेतु बांधा जा सकता है। नल-नील को ऋषियों से ऐसा शाप मिला हुआ है कि ये जो भी चीज पानी में डालेंगे, वह डूबेगी नहीं। हम इनकी मदद से समुद्र पर सेतु बनाएंगे और फिर पूरी वानर सेना लंका पहुंच जाएगी।
इसके बाद नल-नील की मदद से वानर सेना ने समुद्र पर सेतु बांध दिया। श्रीराम पूरी वानर सेना के साथ लंका पहुंच गए।
जीवन प्रबंधन
इस किस्से में श्रीराम ने संदेश दिया है कि हमें अपनी मेहनत पर ज्यादा भरोसा करना चाहिए। किसी चमत्कार पर या किसी शॉर्टकट पर विश्वास न करें। एक साथ मिलकर बड़े-बड़े कामों को पूरा किया जा सकता है। उस समय वानर सेना ने जो सेतु बनाया तो अटूट था। श्रीराम ने सभी की मदद ली और ये काम पूरा किया।
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