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स्नान-दान का महापर्व 5 को:आयुष्मान योग में मनेगी माघ पूर्णिमा; रविवार को माघ मास का आखिरी दिन, सोमवार से शुरू होगा फाल्गुन महीना

4 महीने पहले
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5 फरवरी, रविवार को माघी पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन पूर्णिमा के व्रत के साथ-साथ माघ स्नान भी पूर्ण होंगे। इसके साथ ही ललिता देवी जयंती का महोत्सव भी मनाया जाएगा। माघ मास 7 जनवरी से शुरू हुआ था। इस महीने प्रयागराज में कल्पवास और कई लोगों ने रोज सुबह तीर्थ स्नान किया। पूर्णिमा पर ये व्रत पूरा हो जाएगा।

इस बार माघी पूर्णिमा पर सर्वार्थसिद्धि और आयुष्मान योग भी रहेगा। पूर्णिमा तिथि शनिवार रात करीब साढ़े 9 बजे से शुरू होगी और रविवार रात करीब 12 बजे तक रहेगी। रविवार को सूर्योदय और चंद्रोदय, दोनों ही पूर्णिमा तिथि में होंगे। इसलिए ये पर्व 5 फरवरी, रविवार को मनाया जाएगा। इस पर्व पर शुभ योगों में स्नान-दान, पूजा और खरीदारी का शुभ फल और बढ़ जाएगा।

पुराणों में कहा गया है कि माघ महीने में देवता धरती पर आते हैं और मनुष्य रूप धारण करके प्रयाग में स्नान, दान और जप करते हैं। इसलिए कहा जाता है कि माघ मास की पूर्णिमा पर प्रयागराज में गंगा स्नान करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मोक्ष मिलता है। शास्त्रों में लिखी बातों के मुताबिक माघ पूर्णिमा के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो इस तिथि का महत्व और बढ़ जाता है। इस बार ये संयोग बन रहा है।

मघा नक्षत्र से माघ पूर्णिमा बनी
पौराणिक मान्यताओं के हिसाब से भी माघ मास की पूर्णिमा खास होती है। माघ महीने महीने की इस तिथि पर चंद्रमा मघा नक्षत्र में रहता है। इसलिए इस महीने का नाम माघ पड़ा। इस नक्षत्र के स्वामी पितृ होते हैं। वहीं, सूर्य मकर या कुंभ राशि में होता है। इस दौरान सूर्य उत्तराषाढ़, श्रवण या घनिष्ठा नक्षत्र में होता है। इन नक्षत्रों के स्वामी भगवान विष्णु होते हैं। इसलिए माघ महीने में भगवान विष्णु की पूजा करने का महत्व बताया गया है।

6 फरवरी से शुरू होगा फाल्गुन मास
5 फरवरी को पूर्णिमा पर माघ महीना खत्म हो जाएगा। इसके अगले दिन नया हिंदी महीना, फाल्गुन शुरू होगा। पंचांग के आखिरी महीने में महाशिवरात्रि और होली जैसे बड़े त्योहार मनाए जाएंगे। साथ ही फाल्गुन महीने में ही वसंत ऋतु भी शुरू हो जाएगा। इस महीने और ऋतु के स्वामी भगवान कृष्ण ही हैं। इसलिए फाल्गुन मास में श्रीकृष्ण की पूजा की जाएगी।