वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि पर मोहिनी एकादशी व्रत किया जाता है। इस बार ये 12 मई को है। गुरुवार होने से इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का फल दुगना हो जाएगा। पुराणों के मुताबिक इस व्रत को करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं। इस एकादशी के देवता श्रीनारायण हैं। विधि-विधान से इस व्रत को करने से हर तरह के पाप और दोष खत्म हो जाते हैं। इस एकादशी व्रत से सफलता मिलती है और मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसलिए मोहिनी एकादशी का व्रत बहुत खास माना जाता है।
सभी व्रतों में श्रेष्ठ गुरुवार की एकादशी
भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है जिस तरह नागों में शेषनाग, पक्षियों में गरुड़, सभी ग्रहों में चंद्रमा, यज्ञों में अश्वमेध और देवताओं में भगवान विष्णु श्रेष्ठ हैं, उसी तरह सभी व्रतों में एकादशी का व्रत श्रेष्ठ है। ये गुरुवार को हो तो और भी खास हो जाता है। जो मनुष्य इस एकादशी का व्रत करते हैं, वो मुझे बहुत प्रिय हैं।
व्रत और पूजा का कई गुना पुण्य
मोहिनी एकादशी व्रत के पूजनीय देवता भगवान विष्णु हैं। शास्त्रों के मुताबिक जो भगवान विष्णु की साधना करते हुए एकादशी व्रत और रात्रि जागरण करने से कई सालों की तपस्या का पुण्य मिलता है। पूरी श्रद्धा से पूजा करने पर भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और मनोकामना पूरी होती है। इस एकादशी व्रत से दुख और दोष भी खत्म हो जाते हैं।
व्रत न कर पाएं तो...
बीमारी या किसी वजह से व्रत नहीं कर सकते तो भगवान विष्णु की पूजा जरूर करनी चाहिए। सूर्योदय से पहले उठकर भगवान विष्णु की पूजा और ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करें। साथ ही इस तिथि पर चावल से बना भोजन, लहसुन, प्याज, मांस और तामसिक चीजें न खाएं। शराब और अन्य सभी नशे से दूर रहें।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.