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पुराने समय में एक संत अपनी बुद्धिमानी और धार्मिक स्वभाव की वजह से बहुत प्रसिद्ध थे। संत के काफी भक्त अपनी-अपनी समस्याएं लेकर उनके पास आते और संत उन्हें समस्याओं का हल बता देते थे। संत के साथ ही कई शिष्य भी आश्रम में रहा करते थे।
एक दिन किसी व्यक्ति ने संत को दान में एक गाय दी। गाय देखकर सभी शिष्य बहुत खुश थे। शिष्यों ने सोचा कि अब हमें रोज ताजा दूध पीने को मिलेगा। गुरु ने कहा, 'चलो अच्छा है। अब सभी के लिए ताजे दूध की व्यवस्था हो जाएगी।'
कुछ दिनों तक संत और उनके शिष्यों को ताजा दूध मिलता रहा, फिर एक दिन वही दानी व्यक्ति आया और अपनी गाय वापस ले गया। संत ने उसे उसकी गाय लौटा दी। इसके बाद सभी शिष्य दुखी हो गए।
संत ने शिष्यों से कहा कि किसी को निराश होने की जरूरत नहीं है। अब हमें अब गाय का गोबर और गंदगी साफ नहीं करना पड़ेगी। अब जो समय बचेगा, वह हम तप और ध्यान लगा सकेंगे।'
शिष्यों ने पूछा कि गुरुजी आपको इस बात से दुख नहीं हुआ कि अब हमें ताजा दूध नहीं मिलेगा।
संत बोले कि हमें सकारात्मक सोच बनाए रखनी चाहिए। समय कैसा भी हो, हमेशा अच्छा सोचें। यही सुखी और सफल जीवन का रहस्य है। अगर हम निराश हो जाएंगे तो जीवन में अशांति और दुख बढ़ने लगेंगे। सुख और दुख आते-जाते रहते हैं। हमें हर परिस्थिति में प्रसन्न रहना चाहिए।
पॉजिटिव- कहीं इन्वेस्टमेंट करने के लिए समय उत्तम है, लेकिन किसी अनुभवी व्यक्ति का मार्गदर्शन अवश्य लें। धार्मिक तथा आध्यात्मिक गतिविधियों में भी आपका विशेष योगदान रहेगा। किसी नजदीकी संबंधी द्वारा शुभ ...
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