पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
कहानी- बात उस समय की है जब ब्रह्माजी ने मनु और शतरूपा को पैदा किया था। ये दोनों ही इंसानों के सबसे पहले माता-पिता माने गए हैं। ब्रह्माजी ने इन्हें प्रकट ही इसलिए किया था, ताकि इनके मिलन से संतान का जन्म हो और सृष्टि आगे बढ़े।
इस सृष्टि की पहली पांच संतानें मनु और शतरूपा से ही पैदा हुई थीं। इनमें आकुति, प्रसुति और देवहुति, ये तीन लड़कियां थीं। दो बेटे थे उत्तानपाद और प्रियव्रत।
देवहुति का विवाह कर्दम ऋषि से हुआ था। इस विवाह से पहले कर्दम ऋषि तप कर रहे थे। तप से प्रसन्न होकर ब्रह्माजी प्रकट हुए। ब्रह्माजी ने कहा, 'तुम क्या वर मांगना चाहते हो?'
कर्दम ऋषि बोले, 'वैसे तो मैं आश्रम में रहता हूं, लेकिन क्या मैं घर बसा सकता हूं?'
ब्रह्माजी ने कहा, 'हां, तुम्हें घर जरूर बसाना चाहिए। तुम्हारे जीवन में एक स्त्री आएगी तो तुम्हारा परिवार आगे बढ़ेगा। तुम्हारा तुम धर्म-कर्म का प्रसार करना चाहते हो और परमात्मा को पाना चाहते हो। भगवान को घर-गृहस्थी बहुत प्रिय है। वे ऐसे लोगों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं जो परिवार में रहते हुए भक्ति करते हैं।'
सीख- परिवार का पालन करते हुए, दुनिया के सभी अच्छे काम करना चाहिए। भगवान भी ऐसे लोगों पर कृपा बरसाते हैं जो अच्छे करने वाले लोग ही प्रिय हैं। परिवार त्यागकर सिर्फ भक्ति करना सही नहीं है।
पॉजिटिव- इस समय ग्रह स्थिति पूर्णतः अनुकूल है। बातचीत के माध्यम से आप अपने काम निकलवाने में सक्षम रहेंगे। अपनी किसी कमजोरी पर भी उसे हासिल करने में सक्षम रहेंगे। मित्रों का साथ और सहयोग आपकी हिम्मत और...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.