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  • Navtapa Will Start From 25th May, Nirjala Ekadashi On 31st May; Jyeshtha Month Will End On 4th June With Kabir Jayanti

ज्येष्ठ मास का शुक्ल पक्ष आज से शुरू:25 मई से नवतपा, 31 को साल की सबसे बड़ी निर्जला एकादशी; 4 जून को कबीर जयंती के साथ खत्म होगा ज्येष्ठ

14 दिन पहले
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अभी हिन्दी पंचांग का तीसरा महीना ज्येष्ठ चल रहा है और इस मास का एक पक्ष खत्म हो गया है। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की शुरुआत 20 मई से हो गई है। ये महीना हमें पानी बचाने का संदेश देता है, क्योंकि इन दिनों गर्मी काफी अधिक रहती है। पानी के अधिकतर स्रोत (नदी, तालाब, कुएं आदि) सूख जाते हैं। ऐसे में पानी की एक-एक बूंद हमें बचानी चाहिए।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष के व्रत-उपवास हमें जल का महत्व समझाते हैं। इस पक्ष में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी आती है। ज्येष्ठ मास के दूसरे पक्ष में नवतपा 25 मई से शुरू होगा और 3 जून तक रहेगा। जानिए ज्येष्ठ पूर्णिमा तक कौन-कौन से खास व्रत-पर्व मनाए जाएंगे...

22 मई को ज्येष्ठ शुक्ल तीज है, इसे रंभा तीज कहा जाता है। इस तिथि पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सेहत और सौभाग्य के लिए व्रत करती हैं। शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि अप्सरा रंभा ने भी ये व्रत किया था। इस कारण इस तिथि को रंभा तीज कहते हैं।

23 मई को अंगारक विनायकी चतुर्थी है। जब चतुर्थी मंगलवार को आती है तो उसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस तिथि पर महिलाएं गणेश जी के लिए व्रत करती हैं।

25 मई से नवतपा शुरू हो रहा है, जो कि 3 जून तक रहेगा। नवतपा में सूर्य अपने पूरे प्रभाव में होता है, गर्मी अधिक रहती है। ऐसे में हमें सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए। खान-पान में ऐसी चीजों का सेवन करें, जिनसे शरीर को ठंडक मिल सके। ऐसे कपड़े पहनें, जिनकी वजह से ज्यादा गर्मी न लगे। सीधे धूप में ज्यादा देर तक खड़े न रहें।

30 मई को गंगा दशहरा है। इस दिन देव नदी गंगा की विशेष पूजा की जाती है। भक्त गंगा नदी में स्नान करते हैं और स्नान के बाद नदी किनारे दान-पुण्य करते हैं। तीर्थ दर्शन करते हैं।

31 मई को साल की सबसे बड़ी एकादशी निर्जला एकादशी है। इस एकादशी का महत्व सबसे अधिक है। मान्यता है कि इस एक दिन के व्रत से सालभर की सभी एकादशियों के व्रत से मिलने वाले पुण्य के बराबर पुण्य मिल जाता है। निर्जला एकादशी निर्जल यानी बिना पानी के किया जाता है। व्रत करने वाले लोग पूरे दिन पानी भी नहीं पीते हैं। गर्मी के दिनों में ऐसा व्रत करना एक तपस्या की तरह है।

3 जून को नवतपा खत्म हो जाएगा। इस दिन पूर्णिमा का व्रत किया जाएगा। ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा दो दिन रहेगी। 4 जून को भी पूर्णिमा होने से इस दिन नदी स्नान और दान-पुण्य किया जाएगा। 4 जून को संत कबीर की जयंती मनाई जाएगी।