शनिवार, 18 मार्च को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी (पापमोचनी) है। अभी सूर्य मीन राशि में है, इस वजह से खरमास भी चल रहा है। शनिवार को एकादशी होने से विष्णु जी के साथ ही सूर्य-शनि की पूजा करने का शुभ योग बन रहा है। इस दिन व्रत करें और शनिदेव का तेल से अभिषेक करें।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, 18 मार्च का दिन पूजा-पाठ के नजरिए बहुत शुभ है। चैत्र मास, खरमास, एकादशी और शनिवार का योग एक साथ होने से इस दिन किए गए व्रत-उपवास और दान-पुण्य से अक्षय पुण्य मिलता है। जानिए इस एकादशी पर कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं...
सूर्य पूजा के साथ करें दिन की शुरुआत
खरमास की एकादशी पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। सूर्य के मंत्र ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें। सूर्य देव को लाल-पीले फूल चढ़ाएं।
विष्णु जी के सामने करें व्रत करने का संकल्प
एकादशी व्रत करना चाहते हैं तो घर के मंदिर में गणेश पूजा के बाद विष्णु जी का पूजन करें। विष्णु जी के सामने एकादशी व्रत करने का संकल्प लें। दिनभर अनाज का सेवन न करें। भूखे रहना संभव न हो तो दूध और फलों का सेवन सकते हैं। फलों का रस पी सकते हैं। सुबह-शाम पूजा करें और विष्णु जी के मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें।
एकादशी व्रत द्वादशी तिथि पर होता है पूरा
जो लोग एकादशी व्रत करते हैं, उन्हें पूरे दिन व्रत करना चाहिए। अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य पूजा करें। घर के मंदिर में गणेश जी और विष्णु जी का अभिषेक करें। पूजा के बाद किसी जरूरतमंद को घर में बैठाकर खाना खिलाएं और फिर खुद खाएं। दान-पुण्य करें। इस तरह एकादशी का व्रत पूरा होता है।
शनिवार को करें शनि देव से जुड़े शुभ काम
शनिवार का कारक ग्रह शनि है। शनि देव को न्यायाधीश माना जाता है। कुंडली में इस ग्रह की स्थिति शुभ न हो तो व्यक्ति को किसी भी काम में आसानी सफलता नहीं मिलती है और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस ग्रह के दोष दूर करने के लिए हर शनिवार को शनि देव का तेल से अभिषेक करना चाहिए। शनि देव को नीले फूल चढ़ाएं, नीले वस्त्र अर्पित करें और काले तिल से बनी मिठाई का भोग लगाएं। जरूरतमंद लोगों को जूते-चप्पल का दान करें। शनिवार को हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।
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