हिन्दी पंचांग का 12वां महीना फाल्गुन शुरू हो गया है। इस महीने के अंत में फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन होता है और अगले दिन होली खेली जाती है। श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा और इस शहर के आसपास होली पर कई आयोजन होते हैं। बरसाना की लट्ठमार होली विश्व प्रसिद्ध है। इसके साथ ही मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन पर्वत, गोकुल की होली देखने भी काफी लोग पहुंचते हैं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, फाल्गुन का पूरा महीना श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए उत्सव की तरह ही है। इन दिनों में ध्यान के साथ ही श्रीकृष्ण के मंत्रों का जप करना चाहिए, पूजा-पाठ करें और ग्रंथों का पाठ करें। घर में बाल गोपाल हैं तो रोज सुबह उनका अभिषेक करें। जानिए बाल गोपाल की पूजा विधि...
फाल्गुन में रोज सुबह जल्दी उठें। स्नान के बाद घर के मंदिर में प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा करें। गणेश जी को जल चढ़ाएं, वस्त्र, चंदन, दूर्वा, हार-फूल अर्पित करें। भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
इसके बाद बाल गोपाल का अभिषेक करें। इसके लिए सबसे पहले आचमन करें यानी अपने हाथ साफ जल से धोएं, इसके बाद श्रीकृष्ण का जल चढ़ाएं। सुगंधित फूलों वाले जल से अभिषेक करें। केसर मिश्रित दूध अर्पित करें। दूध के बाद फिर से जल चढ़ाएं।
श्रीकृष्ण पीले वस्त्र पहनाएं। फूलों से श्रृंगार करें। मोर पंख के साथ मुकूट पहनाएं। कृष्ण पूजा में गोमाता की प्रतिमा भी जरूर रखें।
दूध, दही, घी, शहद और मिश्री मिलाकर पंचामृत बनाएं और चांदी के बर्तन में भरकर कृष्ण भगवान को तुलसी के साथ भोग लगाएं।
पूजा में कृं कृष्णाय नम: का जप करें। आप चाहें तो राधाजी के नाम का भी जप करते रहना चाहिए।
रोज कृष्ण पूजा के बाद किसी गोशाला में गायों की देखभाल करें, हरी घास खिलाएं या धन का दान करें।
फाल्गुन में कर सकते हैं ये शुभ काम भी
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