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  • Pradosh Fast Of Magh Month On February 2: On This Day Shiva Worship Is Also Done At Sunset, It Removes Defects And Increases The Age

माघ मास का प्रदोष व्रत 2 फरवरी को:इस दिन सूर्यास्त के वक्त भी होती है भगवान शिव-पार्वती की पूजा, इससे दोष दूर होते और उम्र बढ़ती भी बढ़ती है

4 महीने पहले
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माघ महीने का प्रदोष व्रत 2 फरवरी, गुरुवार को आ रहा है। गुरुवार के कारण इसे गुरु प्रदोष कहा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा से हर दोष दूर होते हैं। गुरुवार होने के कारण शिव पूजा से सौभाग्य, सुख-समृद्धि और उम्र भी बढ़ेगी।

शिव और स्कंद पुराण में प्रदोष
शिव और स्कंद पुराण के मुताबिक, प्रदोष यानी त्रयोदशी तिथि पर शाम को सूर्यास्त के वक्त यानी प्रदोष काल में भगवान शिव कैलाश पर अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं। इस दौरान की गई उनकी पूजा से मनोकामना पूरी होती है। इस संयोग में भगवान शिव की पूजा से हर तरह के दोष भी दूर होते हैं।

गुरुवार को त्रयोदशी का संयोग
माघ का आखिरी प्रदोष व्रत गुरुवार को रहेगा। शुक्ल पक्ष की तेरहवीं यानी त्रयोदशी तिथि गुरुवार की शाम तकरीबन 4.30 से शुरू हो जाएगी। जो कि शुक्रवार को शाम करीब 7 बजे तक रहेगी। गुरुवार को सूर्यास्त यानी प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि होने से इसी दिन ये व्रत करना चाहिए।

दूध पीकर रखें व्रत
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि प्रदोष व्रत यूं तो निर्जला यानी बिना पानी पिए रखा जाता है। इसलिए इस व्रत में फलाहार का विशेष महत्व होता है। प्रदोष व्रत पूरे दिन रखा जाता है।

सुबह नहाने के बाद व्रत का संकल्प लें। प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने के बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस दिन व्रत के दौरान पूजा की थाली में अबीर, गुलाल, चंदन, अक्षत, फूल, धतूरा, बिल्वपत्र, जनेऊ, कलावा, दीपक, कपूर, अगरबत्ती और फल होना चाहिए।

इस व्रत में दूध का सेवन करें और पूरे दिन उपवास धारण करें। प्रदोष व्रत में अन्न, नमक, मिर्च आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत के समय एक बार ही फलाहार ग्रहण करना चाहिए।