सूर्य देव के साथ ही नर्मदा नदी की पूजा का:रथ सप्तमी और नर्मदा प्रकट उत्सव 28 जनवरी को, नदी स्नान के बाद दान-पुण्य करने की है परंपरा

2 महीने पहले
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आज (शनिवार, 28 जनवरी) माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी है। इस तिथि पर दो पर्व मनाए जाते हैं, पहला है रथ सप्तमी और दूसरा है नर्मदा प्रकट उत्सव। रथ सप्तमी पर सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही, इस दिन नर्मदा नदी में स्नान करने और दान-पुण्य करने की परंपरा है। शनिवार को शनि देव को तेल चढ़ाएं। नीले फूल अर्पित करें। शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जप और तेल का दान करें।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा कहते हैं, एक महीने में दो सप्तमी आती है, एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। सप्तमी तिथि पर पंच देवों में से एक और साक्षात दिखाई देने वाले देवता सूर्य की पूजा की जाती है। रथ सप्तमी पर सूर्य पूजा पूरे विधि-विधान के साथ करनी चाहिए। सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल, फूल, कुमकुम, चावल डालें और सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। इस दौरान सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: का जप करना चाहिए।

अब जानिए नर्मदा जयंती से जुड़ी मान्यताएं

गंगा, यमुना, सरस्वती आदि पवित्र नदियों के जैसा ही नर्मदा नदी का भी महत्व है। नर्मदा नदी से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं। कुछ कथाओं के मुताबिक नर्मदा शिव जी की पसीने से प्रकट हुई हैं। कुछ कथाएं कहती हैं कि नर्मदा ब्रह्मा जी के आंसु से प्रकट हुईं और कुछ कथाएं में बताया गया है कि भगवान विष्णु के ध्यान से नर्मदा प्रकट हुईं। कथाएं अलग-अलग हैं, लेकिन सभी कथाओं में नर्मदा नदी को पूजनीय, पवित्र और पापों को धोने वाली बताया गया है। जो लोग नर्मदा नदी में स्नान करते हैं, उनके सभी पाप धुल जाते हैं। प्राचीन समय में माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर ही नर्मदा नदी प्रकट हुई थीं।

अगर नर्मदा नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो अपने क्षेत्र की नदी में स्नान कर सकते हैं। अगर अपने शहर के आसपास कोई नदी नहीं है तो घर पर पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। घर में गंगाजल भी नहीं है तो पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करें। स्नान के बाद घर के आसपास जरूरतमंद लोगों को खाना, कपड़े और धन का दान करें।

सूर्य के लिए करें इन चीजों का दान

सूर्य पंचदेवों में शामिल हैं और नौ ग्रहों के राजा हैं। कुंडली में सूर्य की स्थिति शुभ हो तो व्यक्ति घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है। व्यक्ति का मन धर्म-कर्म में लगा रहता है। इस ग्रह की स्थिति अच्छी न हो तो व्यक्ति छोटे-छोटे कामों में भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुंडली के सूर्य से संबंधित दोष दूर करने के लिए रथ सप्तमी पर तांबे के बर्तन, गुड़, लाल-पीले कपड़े का दान करें।