आज (गुरुवार, 26 जनवरी) माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी है, इस तिथि पर बसंत पंचमी मनाई जाती है। ये पर्व विद्या की देवी सरस्वती के पूजन का है। बसंत पंचमी पर शिक्षा से जुड़े काम करने वाले लोग देवी सरस्वती की पूजा खासतौर पर करते हैं। देवी पूजा में कमल का फूल, कलम यानी पेन, हंस की फोटो या मूर्ति, वीणा, मोर पंख भी जरूर रखना चाहिए। ये सभी चीजें देवी सरस्वती की प्रिय हैं और उनके साथ हमेशा रहती हैं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक प्राचीन समय में माघ शुक्ल पंचमी तिथि पर ब्रह्मा जी ने कमंडल से थोड़ा सा जल धरती पर छिड़का था, जिससे एक देवी प्रकट हुईं। देवी के 6 हाथों थे और हाथों में ग्रंथ, फूल, कमंडल, वीणा और माला थी। ये देवी सरस्वती जी के नाम से प्रसिद्ध हैं।
ऐसे कर सकते हैं देवी सरस्वती का सरल पूजन
इस तिथि पर जो लोग कोई विद्या हासिल करना चाहते हैं या कोई नया कोर्स शुरू करना चाहते हैं, उन्हें गणेश पूजन के बाद देवी सरस्वती की पूजा जरूर करनी चाहिए। वसंत पंचमी पर देवी मंत्र ऊँ ऐं सरस्वत्यै नमः का जप करें। जप संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए।
देवी सरस्वती को सफेद वस्त्र अर्पित करना चाहिए। पीले फूलों से श्रृंगार करें। मौसमी फल चढ़ाएं। भोग के लिए पीले भात और केसरिया खीर रखें।
धूप-दीप जलाएं और इस मंत्र का जप करते हुए पूजन करें। पूजा के बाद जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें। इसके बाद प्रसाद बांटें और खुद भी लें।
विद्यार्थियों को अपने स्टडी रूम में रखनी चाहिए देवी सरस्वती से जुड़ी चीजें - देवी पूजा में सरस्वती प्रतिमा, कलम, वीणा, हंस की फोटो या मूर्ति, मोर पंख आदि चीजें जरूर रखनी चाहिए। पूजा के बाद ये चीजें अपने स्टडी रूम में रख सकते हैं।
बसंत पंचमी पर कर सकते हैं ये शुभ काम भी
बसंत पंचमी और गुरुवार के योग में शिव जी का अभिषेक केसर मिश्रित जल से करें। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। शिवलिंग का श्रृंगार पीले फूलों से करें। बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
इस दिन देव गुरु बृहस्पति के लिए चने की दाल का दान करें। जरूरतमंद लोगों को पीले कपड़े भेंट करें।
किसी गौशाला में हरी घास और धन का दान करें।
बसंत पंचमी पर देवी को केसरिया भात का भोग लगाएं और अपने खाने में भी शामिल करें।
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