षटतिला एकादशी बुधवार को:पूजा, व्रत-उपवास के साथ ही तिल का दान करने और तिल से हवन करने की है परंपरा
माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है। इस साल ये एकादशी 18 जनवरी (बुधवार) को है। षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु के लिए व्रत-उपवास और पूजा की जाती है। इन शुभ कामों के साथ ही इस दिन तिल का दान करने और तिल से हवन करने की भी परंपरा है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, षटतिला एकादशी पर तिल से जुड़े 5 शुभ खासतौर पर किए जाते हैं। इस दिन तिल का उबटन लगाया जाता है। पानी में तिल डालकर स्नान किया जाता है। खाने में तिल का सेवन किया जाता है। तिल का दान और तिल से हवन किया जाता है। जो लोग ये शुभ काम करते हैं, उन्हें भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है। भक्ति सफल होती है और शांति मिलती है।
एकादशी पर ऐसे कर सकते हैं व्रत
- जो लोग एकादशी पर व्रत करना चाहते हैं, उन्हें सुबह सूर्योदय से पहले बिस्तर छोड़ देना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। घर के मंदिर में गणेश पूजा करें। भगवान विष्णु के सामने धूप-दीप जलाकर व्रत और पूजा करने का संकल्प लें।
- दिनभर अन्न का सेवन करें। जो लोग भूखे नहीं रह पाते हैं, वे फलाहार सकते हैं। दूध और फलों के रस का सेवन कर सकते हैं। सुबह शाम विष्णु जी की पूजा करें। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। किसी मंदिर में पूजा करेंगे तो बेहतर रहेगा।
- अगले दिन यानी द्वादशी (गुरुवार) पर जल्दी उठें और स्नान के बाद पूजा-पाठ करें। इसके बाद किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं और फिर खुद ग्रहण करें।
एकादशी पर करना चाहिए ये शुभ काम
- इस दिन पूजा-पाठ और मंत्र जप के साथ विष्णु पुराण या श्रीमद् भगवद् गीता का पाठ करना चाहिए। गीता सार का पाठ कर सकते हैं।
- श्रीकृष्ण का अभिषेक करें। माखन-मिश्री का भोग लगाएं। दीपक जलाकर कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जप करें।
- किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें।