आज चैत्र नवरात्रि की सप्तमी है। 29 को अष्टमी और 30 नवमी तिथि पर नवरात्रि खत्म हो जाएगी। जो लोग पूरी नवरात्रि के दौरान व्रत नहीं रख पाए या देवी आराधना नहीं कर पाए उन लोगों के लिए ये खास तिथियां हैं।
ग्रंथों में बताया गया है कि चैत्र नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर देवी पूजा के साथ ही श्रद्धानुसार व्रत या उपवास किया जाए तो पूरे नौ दिन व्रत-उपवास करने जितना पुण्य फल मिल जाता है।
पुरी के ज्योतिषाचार्य और धर्म ग्रंथों के जानकार डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि नवरात्रि में हर दिन व्रत-उपवास न रख पाएं हो तो सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर ही व्रत करने से पूरे शक्ति पर्व का फल मिल सकता है।
इन तीनों तिथियों पर किए गए व्रत-उपवास से तन-मन की शुद्धि तो होती ही है साथ ही देवी की कृपा से मनोकामना पूरी हो जाती है। चैत्र नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर देवी पूजा और व्रत-उपवास से रोग, शोक और दोष खत्म हो जाते हैं। इन तीनों दिन शक्ति आराधना करने से दुश्मनों पर जीत हासिल होती है।
सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर व्रत-उपवास
नवरात्रि में देवी दुर्गा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मार्कंडेय पुराण का कहना है कि इन दिनों में निराहर यानी बिना कुछ खाए देवी की पूजा करनी चाहिए। हालांकि कई लोगों के लिए ये मुश्किल होता है। इसलिए शक्ति पर्व के आखिरी तीन दिन यानी सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर इस तरह से कठिन तप और पूजा की जा सकती है। ऐसा करने से पूरे नवरात्र की पूजा का विशेष फल मिल सकता है।
इन तीन दिनों में ध्यान रखने वाली बातें
1. सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर तामसिक भोजन न करें। यानी लहसुन, प्याज और मांस सहित ठंड-बासी और किसी भी तरह का दूषित खाना न खाएं।
2. इन तीनों दिनों में अनाज नहीं खाना चाहिए। बल्कि फलाहार ही करें।
3. पुराणों के मुताबिक व्रत के दौरान दिन में नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने से व्रत भंग होता है यानी टूट जाता है।
4. इन दिनों में शराब, तंबाकू और हर तरह के नशे से दूर ही रहना चाहिए।
5. नवरात्रि के इन तीन दिनों में पति-पत्नी को शारीरिक संबंध बनाने से भी बचना चाहिए।
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