रविवार, 29 जनवरी को माघ मास का रविवार है। इसलिए ये दिन सूर्य पूजा के लिए विशेष शुभ फलदायी रहेगा। माघ में सहस्रांशु नाम से भगवान सूर्य की पूजा करने का विधान हैं। ऐसा करने से बीमारियां और परेशानियां दूर होती हैं। साथ ही उम्र भी बढ़ती है।
पुराणों में ये भी कहा गया है कि माघ महीने के रविवार को सूर्य पूजा और व्रत करने से मनोकामना पूरी होती हैं। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि माघ मास में सूर्य पूजा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है। इसलिए उगते हुए सूरज को अर्घ्य अर्पित करने का विधान ग्रंथों में बताया है।
सूर्य पूजा से पहले तिल स्नान
रविवार को पानी में तिल और गंगाजल मिलाकर नहाना चाहिए। ऐसा करने से माघ मास में तीर्थ स्नान करने जितना पुण्य मिलता है और जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म होते हैं। इस तरह पवित्र स्नान करने से के बाद सूर्य पूजा करनी चाहिए। पुराणों में माघ मास के लिए ऐसा कहा गया है कि इस महीने में जहां कहीं भी जल हो, वह गंगाजल के समान होता है
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि रविवार को सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे लोटे में जल भरें और उसमें लाल फूल, चावल डाल लें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें।
सूर्य पूजा के बाद भगवान विष्णु के माधव रूप की पूजा करनी चाहिए। इसके लिए शंख में दूध, गंगाजल और पानी मिलाकर भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण का अभिषेक करें। फिर चंदन, अक्षत, अबीर-गुलाल और जनेऊ चढांए। इसके बाद पीले फूल और तुलसी पत्र चढ़ाएं। भगवान को इत्र लगाएं। पूजा के बाद आखिरी में मौसमी फल और मिठाई का नैवेद्य लगाकर आरती करें। फिर प्रसाद लें और दूसरों को भी बांटे।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस महीने में यदि विधिपूर्वक भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। माघ मास में विधिपूर्वक भगवान श्रीकृष्ण की पूजा से पहले सुबह तिल, जल, फूल, कुश लेकर इस प्रकार संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद श्रीकृष्ण की प्रार्थना और पूजा करें। श्रीकृष्ण को घर में शुद्धतापूर्वक बने पकवानों का भोग लगाएं। उसमें तुलसी के पत्ते जरूर डालें।
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