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आज प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। ये व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता है। 13 को यानी कल मासिक शिवरात्रि है। ये दिन भी भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाता है और भगवान शिव की विशेष पूजा भी की जाती है। अगले दिन यानी 14 दिसंबर को मार्गशीर्ष महीने की अमावस्या है। इस दिन सोमवार होने से सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है।
शनि प्रदोष और मासिक शिवरात्रि पर शिव पूजा
शनि से मिलेगी राहत, शिवजी की पूजा रहेगी फलदायी
एक महीने में दो प्रदोष तिथि आती है। शुक्लपक्ष और कृष्णपक्ष की यदि शनिवार या सोमवार का संयोग होना इस प्रदोष व्रत के फल को कई गुना बढ़ा देता है। इस बार संयोग से शनि भी अपनी स्वराशि मकर पर होने से शनि की पीड़ा में शिव पूजन से राहत मिलेगी। प्रदोष व्रत में शिव पूजा आयु, आरोग्य प्रदाता और संकटों का नाश करने वाली होती है। अचानक आने वाली दुर्घटनाओं से भी शिव की भक्ति रक्षा करती है।
भगवान शिव वैसे तो छोटे-छोटे प्रयासों से ही प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन कुछ विशेष दिन उनकी भक्ति के लिए खास होते हैं। जिन लोगों को शनि की साढ़ेसाती लगी हुई है। शनि की ढैया चल रही है और कुंडली में शनि खराब अवस्था में हैं। वक्री होकर अशुभ फल दे रहा है, उन्हें शनि प्रदोष का व्रत अवश्य करना चाहिए।
सोमवती अमावस्या पर शिव और शनि पूजा
भगवान शनि का जन्म अमावस्या को ही हुआ था। इसलिए शनि पीड़ा से राहत पाने के लिए हर महीने आने वाली अमावस्या पर शनिदेव की विशेष पूजा करने का विधान है। अमावस्या पर सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में मौजूद होते हैं। इसलिए इस दिन को पर्व भी कहा जाता है। भगवान शिव, शनिदेव के गुरु हैं। सोमवार शिव पूजा का दिन होता है। इसलिए इस बार सोमवती अमावस्या पर्व पर शिवजी और शनिदेव की पूजा से कई तरह के दोष खत्म होंगे।
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