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- Traditions About Maghi Purnima, Gods And Goddesses Also Come To Bathe In The Sangam Of Prayagraj On Maghi Purnima
रविवार को नदी स्नान और दान-पुण्य का महापर्व:मान्यता - माघी पूर्णिमा पर देवी-देवता भी आते हैं प्रयागराज के संगम में स्नान करने
रविवार, 5 फरवरी को माघ मास की पूर्णिमा है। ये नदी स्नान और दान-पुण्य करने का महापर्व है, क्योंकि इस तिथि पर देवी-देवता भी प्रयागराज के संगम में स्नान करने पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है। इस मान्यता की वजह लाखों भक्त प्रयागराज के संगम में डुबकियां लगाने पहुंचेंगे।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा कहते हैं कि 5 फरवरी को सर्वार्थसिद्धि योग होने से माघी पूर्णिमा का महत्व और अधिक बढ़ गया है। इस तिथि संत रविदास दास जी की जयंती भी मनाई जाती है। जो लोग प्रयागराज में स्नान नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें अपने क्षेत्र की पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। जो लोग नदी में स्नान करने में असमर्थ हैं, उन्हें घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए।
ऐसे मनाएं माघी पूर्णिमा
- इस पर्व पर सुबह सूर्योदय से पहले बिस्तर छोड़ देना चाहिए। पानी में गंगाजल, काले तिल, चंदन मिलाकर स्नान करें। स्नान करते समय सभी तीर्थों का और पवित्र नदियों का ध्यान करना चाहिए, नहाने के पानी में इनका आवाहन करना चाहिए। ऐसे स्नान करने से घर पर तीर्थ स्नान के समान पुण्य मिल सकता है।
- स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल भरें, लाल फूल, चावल, अबीर, गुलाल डालें और ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करते हुए सूर्य को अर्पित करें।
- सूर्य को अर्घ्य देने के बाद घर के मंदिर में श्री गणेश की पूजा करें। भगवान विष्णु और महालक्ष्मी का केसरिया दूध से अभिषेक करें। बाल गोपाल का भी अभिषेक करें और माखन-मिश्री का भोग तुलसी के साथ लगाएं।
- हनुमान जी के सामने धूप-दीप जलाकर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें। आप चाहें तो रामायण, श्रीमद् भगवद् कथा का पाठ भी कर सकते हैं।
- घर में पूजा-पाठ करने के बाद जरूरतमंद लोगों को काले तिल, खाना, कपड़े, अनाज का दान करें।
- इस तिथि पर सत्यनारायण कथा पढ़नी या सुननी चाहिए। पूर्णिमा पर कथा का पाठ करने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है।
- शाम को चंद्र उदय के बाद चंद्र को चांदी के लोटे से अर्घ्य अर्पित करें। इस दौरान ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जप करें।
- अगर आप चाहें तो शिवलिंग का जलाभिषेक भी कर सकते हैं। देवी दुर्गा की भी पूजा करें।