20 नवंबर (रविवार) को अगहन कृष्ण पक्ष की एकादशी है, इसका नाम उत्पन्ना है। एकादशी पर भगवान विष्णु के लिए व्रत-उपवास और पूजा करने की परंपरा है। अगहन यानी मार्गशीर्ष मास को श्रीकृष्ण का स्वरूप माना जाता है। इस वजह से एकादशी पर श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा करने का शुभ योग बन रहा है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक एकादशी पर भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा के साथ ही व्रत भी जरूर करें। व्रत करना चाहते हैं तो सुबह पूजा करते समय व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद दिनभर निराहार रहें यानी अन्न ग्रहण न करें। भूखे रहना मुश्किल हो तो फलाहार कर सकते हैं, दूध और फलों का रस पी सकते हैं।
ऐसे कर सकते हैं बाल गोपाल का अभिषेक
एकादशी पर व्रत-उपवास करना चाहते हैं तो इस दिन सुबह स्नान के बाद भगवान गणेश की पूजा करें। गणेश जी को जल चढ़ाएं। वस्त्र और फूलों से श्रृंगार करें। चंदन, दूर्वा, हार-फूल अर्पित करें। लड्डू का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
गणेश पूजा के बाद श्रीकृष्ण का अभिषेक करें। बाल गोपाल का अभिषेक सुगंधित फूलों वाले जल से करें। इसके लिए पानी में गुलाब, मोगरा जैसे सुंगधित फूलों की पंखुड़ियां डालें और इस जल से भगवान का अभिषेक करें। अभिषेक दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर करें।
बाल गोपाल को पीले चमकीले वस्त्र पहनाएं। फूलों से श्रृंगार करें। मोर पंख के साथ मुकूट पहनाएं। पूजा में गौमाता की मूर्ति भी जरूर रखें।
दूध, दही, घी, शहद और मिश्री मिलाकर पंचामृत बनाएं और चांदी के बर्तन में भरें और तुलसी के साथ भोग लगाएं। माखन-मिश्री भी अर्पित करें। भगवान को कुमकुम, चंदन, चावल, अबीर भी अर्पित करें। ताजे फल, मिठाइयां चढ़ाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। पूजा के बाद भगवान से क्षमा याचना करें। प्रसाद बांटें और खुद भी लें।
पूजा में श्रीकृष्ण के मंत्र कृं कृष्णाय नम: का जप करते रहना चाहिए। इस तरह भगवान बाल गोपाल का अभिषेक किया जा सकता है।
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