इस महीने शादी के लिए 22 जून, आखिरी विवाह मुहूर्त है। वहीं, सीजन का आखिरी विवाह मुहूर्त 8 जुलाई रहेगा। इसके बाद चार महीने तक शादियों के कोई मुहूर्त नहीं है। 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इस तिथि पर भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इससे इन महीने में मांगलिक और शुभ काम नहीं होंगे। फिर देवठानी एकादशी पर 4 नवंबर से शादियों की शुरुआत होगी। फिर साल का आखिरी विवाह मुहूर्त 14 दिसंबर रहेगा।
जानिए... 4 महीनों में क्यों नहीं होते विवाह
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि 10 जुलाई से देव शयन काल शुरू हो जाएगा। जो कि 4 नवंबर को खत्म होगा। मान्यता है कि भगवान विष्णु 4 महीने के लिए क्षीरसागर में योग निद्रा के लिए जाते हैं। इस वजह से शादियां, सगाई, गृह प्रवेश और अन्य शुभ काम नहीं होते हैं। इन दिनों में सूर्य जब कर्क राशि में होता है तो शादियां नहीं की जाती, सिर्फ शिव पूजा करने का विधान है। वहीं, अगस्त सितंबर में सूर्य अपनी ही राशि यानी सिंह में होता है। तब इसका प्रभाव ज्यादा होता है तो विवाह विच्छेद की आशंका रहती हैं।
सितंबर-अक्टूबर के दौरान सूर्य जब कन्या राशि में होता है तब पितरों का काल माना जाता है। इस समय पितृपक्ष होने से विवाह के मुहूर्त नहीं होते। इसके बाद जब सूर्य तुला राशि में होता है तब शुक्ल पक्ष में देव प्रबोधिनी से विवाह शुरू हो जाते हैं।
देवउठनी एकादशी पर अस्त रहेगा शुक्र
इस साल 2 अक्टूबर से 20 नवंबर तक शुक्र अस्त रहेगा। वहीं, इस दौरान देवउठनी एकादशी का अबूझ मुहूर्त 4 नवंबर को पड़ रहा है। ज्योतिषियों के मुताबिक शुक्र के अस्त होने पर विवाह नहीं करना चाहिए। लेकिन लोक मान्यताएं और परंपराओं के मुताबिक इस बार शुक्र अस्त होने के बावजूद देवउठनी एकादशी पर शादियां होने की संभावना है।
जुलाई, नवंबर और दिसंबर में विवाह मुहूर्त
जुलाई: 3, 5, 6 और 8
नवंबर: 21, 24, 25 और 27 (देवउठनी एकादशी का मुहूर्त नहीं है)
दिसंबर: 2, 7, 8, 9 और 14
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