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नौ ग्रहों में से एक शनि इस साल राशि नहीं बदलेगा। पूरे साल ये ग्रह मकर राशि में ही रहेगा। 23 मई को शनि वक्री हो जाएगा और 11 अक्टूबर को फिर से मार्गी हो जाएगा। वक्री यानी शनि उल्टा चलने लगेगा और मार्गी यानी शनि की सीधी चाल।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार मकर राशि के शनि की वजह से मिथुन और तुला राशि पर ढय्या रहेगी। धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी। ढय्या और साढ़ेसाती की स्थिति में कुछ लोगों को कठिन समय का सामना करना पड़ सकता है। शनि के अशुभ असर से बचने के लिए हर शनिवार तेल का दान करें और शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप करें।
मिथुन और तुला पर ढय्या का असर - इन दोनों राशियों को अतिरिक्त सावधानी रखनी होगी। अन्यथा लापरवाही होने की स्थिति में हानि होने की संभावनाएं बन रही हैं। छोटी-छोटी बातों में क्रोध से बचें। वरना बने-बनाए काम और ज्यादा बिगड़ सकते हैं। नौकरी करने वाले लोगों को अधिकारियों का साथ मिल सकता है, कड़ी मेहनत के बाद सकारात्मक फल मिल सकते हैं।
धनु, मकर और कुंभ पर साढ़ेसाती का असर - धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम ढय्या चल रहा है। इन लोगों को शनि की वजह से लाभ भी मिल सकता है। पुरानी परेशानियां इस साल खत्म हो सकती हैं। तय की गई योजनाओं पर काम शुरू हो सकता है। मकर राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा ढय्या है। इनके लिए समय सामान्य रहेगा। सोच-समझकर काम करेंगे तो लाभ भी मिल सकता है। कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का पहला ढय्या है, इनके लिए अतिरिक्त सतर्क रहकर काम करने का समय रहेगा। नौकरी में साथियों का पूरा सहयोग नहीं मिल पाएगा।
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