16 मई को वैशाख पूर्णिमा पर साल का पहला चंद्रग्रहण होगा। जो कि भारत में नहीं दिखेगा। हालांकि ये भी सिर्फ खगोलीय नजरिये से खास रहेगा। धार्मिक रूप से इसका महत्व नहीं होने से इसका अशुभ असर नहीं पड़ेगा। ये ही वजह है कि इसका सूतक काल भी देश में नहीं माना जाएगा और पूर्णिमा पर होने वाले धार्मिक काम करने में किसी भी तरह का दोष नहीं लगेगा। जिससे स्नान-दान और पूजा-पाठ किए जा सकेंगे।
लगातार तीन साल तक वैशाख पूर्णिमा पर ग्रहण
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि लगातार तीन साल तक वैशाख महीने की पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगेगा। पिछले साल 26 मई को और इस बार 16 मई को भी वैशाख महीने की पूर्णिमा पर पूर्ण चंद्र ग्रहण रहेगा। ऐसा 5 मई 2023 को भी होगा। साथ ही चंद्र ग्रहण से 15 दिन पहले और बाद में सूर्य ग्रहण का योग भी इन तीन सालों में बनेगा। ये अपने आप में अलग तरह का संयोग है।
वैशाख पूर्णिमा पर पूर्ण चंद्रग्रहण
सोमवार को होने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण का धार्मिक महत्व नहीं रहेगा। लेकिन ये खगोलीय और ज्योतिषीय नजरिये से खास माना जा रहा है। डॉ. मिश्र का कहना है कि इस ग्रहण का असर 12 राशियों के साथ ही देश-दुनिया पर भी पड़ेगा। इस कारण प्राकृतिक आपदाएं आने और राजनीति बदलाव होने के संकेत दिख रहे हैं। साथ ही इस ग्रहण से कई लोग मानसिक तौर से परेशान भी रहेंगे।
अगला चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को
8 नवंबर, मंगलवार को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा। कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाला ये साल का आखिरी ग्रहण भी रहेगा। ये भारत में दिखेगा। ये पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा लेकिन भारत में खग्रास चंद्र ग्रहण ही दिखेगा। साथ ही ये एशिया के कुछ देश, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी और मध्य अमेरिका में देखा जा सकेगा। भारतीय समय के मुताबिक ये दोपहर 2.38 से शुरू होगा और शाम 6.19 पर खत्म होगा।
15 दिन में 2 ग्रहण का देश-दुनिया पर असर
डॉ. मिश्र के मुताबिक 15 दिन में 2 ग्रहण होने से प्राकृतिक आपदाएं या मौसम में अचानक बदलाव हो सकता है। तेज हवा, आंधी, भूकंप या लेंडस्लाइड होने की आशंका बन रही है। इसके अलावा देश में तनाव और डर का माहौल बन सकता है। देशी सीमाओं पर तनाव बढ़ सकता है। आतंकी घटनाएं बढ़ सकती हैं। प्रशासन में डर रहेगा। कुछ जगहों पर दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं। औद्योगिक विकास कार्यों में गिरावट आ सकती है। व्यापारि वर्ग में चिंता रहेगी।
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