प्रसेन्नजीत मिश्रा | गुड़ाबांदा
नक्सलमुक्त गुड़ाबांदा के जियान निवासी हार्डकोर नक्सली भोगलू सिंह तीन साल बाद जेल से छूटकर वापस अपने घर लौट आया। घर वापसी के बाद उसने कहा कि खेती करके नमक रोटी का लूंगा पर नक्सलवाद की ओर फिर नहीं जाऊंगा। वह सरेंडर करने के बाद करीब 3 वर्ष 6 माह तक घाटशिला जेल में बिताया। घर पहुंचने के बाद दैनिक भास्कर से बातचीत में उसने बताया कि नक्सलवाद की ओर फिर से मु़ड़कर नहीं देखना है। वह अपने परिवार के साथ रहेगा। साथ ही पिता के साथ खेती कर उनका हाथ बटाएंगे। नक्सलवाद के कारण उसने बहुत कुछ खोया है। आज इतने दिनों के बाद घर वापसी पर काफी सकून महसूस कर रहा हूं। उसके कारण माता-पिता ने काफी पुलिस के जुल्म सहे। अब उनकी सेवा करुंगा।
परिवार में दो बेटे और एक बेटी है। अब उनका भविष्य बनाने की ओर ध्यान दूंगा। सरकार की सरेंडर पॉलिसी के तहत जो पैसे मिले हैं, उससे पक्का मकान एवं बच्चों के भविष्य के लिए कुछ करुंगा। सरकार नौकरी देने का वायदा जो किया था उसे अगर पूरा करती है तो बच्चों का भविष्य बनेगा। इससे परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। इधर बेटी को कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय धालभूमगढ़ में गुड़ाबांदा की बीडीओ सीमा कुमारी ने इस वर्ष कक्षा 6 में एडमिशन कराकर मेरे परिवार के लिए काफी अच्छा कार्य किया है। जिसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं। इससे सरकार पर विश्वास बढ़ेगा।