आईसीआईसीआई बैंक के 54 लाख रुपए लूट मामले में पुलिस ने संदिग्ध तीन अपराधियों की सूची सार्वजनिक की है। तीनों संदिग्धों की तस्वीर चौक चौराहों पर चिपकाया गया है। पलामू पुलिस सूचना देने वाले को एक लाख रुपए ईनाम की भी घोषणा की है। पुलिस द्वारा जारी संदेश में कहा गया है कि संदिग्धों के बारे में जो कोई सूचना देगा उसकी पहचान पूर्णत: गुप्त रखी जाएगी।
पुलिस तीनों संदिग्धों की तस्वीर लेकर कई जगहों पर पूछताछ भी कर रही है। अभी तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है। सीएमएस के गार्ड जीतेन्द्र कुमार व कस्टोडियन बैंक अधिकारी रौशन लाल से अभी भी पुलिस पूछताछ कर रही है। रविवार को पुलिस गार्ड व कस्टोडियन रौशन को लेकर कई स्थानों पर छापेमारी की। एसपी इंद्रजीत महथा ने बताया कि पुलिस मामले का शीघ्र उद्भेदन करेगी। इस मामले में बड़ा रैकेट शामिल है। इसके लिए तकनीकी सेल लगातार काम कर रहा है। इसके फीडबैक पर पुलिस रणनीति के तहत काम कर रही है। ताकि रैकेट के अंतिम व्यक्ति तक पुलिस पहुंच सके। उन्होंने कहा कि भले ही राशि को बैंक कर्मी इंश्योर्ड बता रहे हैं मगर वह जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा है। उसे हर हाल में रिकवर किया जाएगा। डीएसपी प्रेमनाथ ने बताया कि पुलिस का अनुसंधान सही दिशा में जा रहा है। अभी तक शक की सुई कस्टोडियन रौशन लाल व गार्ड जीतेन्द्र कुमार के खिलाफ है। सीसीटीवी फुटेज में यह रहस्योद्घाटन हुआ है कि कस्टोडियन संदिग्ध अपराधियों काे इशारा करता है। इसके अलावा वह तब तक अपनी बाइक आगे नहीं बढ़ाता जबतक की संदिग्ध अपराधी बाइक स्टार्ट नहीं कर लिए।
उन्होंने बताया कि इस तरह से मामला काफी साफ हो चुका है। पुलिस को बस राशि रिकवर का इंतजार है। इस पर काम चल रहा है। इधर सीएमएस कंपनी के एसपी रैंक अधिकारी आरएम सिंह ने बताया कि कस्टोडियन व गार्ड की भूमिका संदिग्ध है। जिस तरह से उन दोनों का बयान बदल रहा है उससे भी उन दोनों पर संदेह होना लाजमी है। उन्होंने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक के द्वारा भी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाना चिंताजनक है।
संदिग्ध अपराधियों का फोटो।