दिव्यांग लोगों के प्रति सोच बदलने की जरूरत है। दिव्यांग प्रत्येक क्षेत्र में समान व्यक्ति से कम नहीं है। खेल, शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में दिव्यांगों ने देश का नाम रोशन किया है। ये बातें पलामू जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अशोक कुमार ने कही। वे मंगलवार को जिला दिव्यांग विद्यालय में विश्व दिव्यांग दिवस व डॉ राजेन्द्र प्रसाद के जयंती पर आयोजित जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में बोल रहे थे।
इसके पूर्व उन्होंने कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि समाज में कोई दिव्यांग है, तो उसकी मदद करना सिर्फ उसके माता-पिता का दायित्व नहीं है, बल्कि पूरे समाज का होता है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगता अगर दिमाग पर हावी हो जाता है, तो सचमुच वह व्यक्ति दिव्यांग हो जाता है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग लोगों को कानून में विशेष प्रावधान दिया गया है। मौके पर अधिवक्ता शैलेंद्रनाथ चतुर्वेदी ने कहा कि दिव्यांगता अभिशाप नहीं है। हर व्यक्ति को ईश्वर ने कुछ अनमोल दिया है।
उन्होंने कहा कि आज भी समाज के लोगों द्वारा दिव्यांगों को हीन दृष्टि से ही देखा जाता है। भले ही देश में अनेक दिव्यांगों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा को लोहा मनवाया हो। पर वास्तव में ऐसी स्थिति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया में 8 प्रतिशत लोग दिव्यांगता के शिकार हैं। रिमांड अधिवक्ता संतोष कुमार पाण्डेय ने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों को समान और स्थाई पुनर्वास की सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को सरकारी नौकरियां, अस्पताल, रेल, बस सभी जगह आरक्षण प्राप्त है। सरकार ने दिव्यांग के लिए पेंशन योजना भी चला रखी है।
विवेकानंद पेंशन योजना के तहत दिव्यांग जनों को सरकार के द्वारा पेंशन दी जाती है। इस मौके पर सर्वप्रथम लोगों ने देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के जयंती के अवसर पर पुष्पांजलि अर्पित की व कार्यक्रम की शुरुआत की। मौके पर दिव्यांग बच्चों ने एक से बढ़कर एक राष्ट्रभक्ति गीत व अपने कला का प्रदर्शन किया। डॉ राजेंद्र प्रसाद के जयंती व विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में डालसा के सचिव अशोक कुमार द्वारा स्कूल के दिव्यांग बच्चों के बीच कॉपी, पेंसिल, कलम व बिस्किट का वितरण किया गया।