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रांची. बगोदर से माले विधायक विनोद सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार झूठ बोल रही है, विभाजन और विध्वंस की राजनीति नहीं चलेगी। नागरिकता संशोधन कानून सिर्फ जरुरतमंदों को नागरिकता देने के नेक इरादे से नहीं बल्कि इसके पीछे संघ परिवार का गुप्त एजेंडा छिपा हुआ है। भाजपा झूठ बोलकर लोगों को गुमराह कर रही है। हम हेमंत सरकार से भी कहेंगे कि संविधान विरोधी नागरिकता संशोधन कानून झारखण्ड में लागू न हो।
सोमवार को वामदल, समाजिक संगठन एवं छात्र संघटनों ने एनआरसी, सीएए और एनपीआर के खिलाफ जिला स्कूल में जनसभा का आयोजन किया था। इनका राजभवन मार्च का कार्यक्रम था, मगर प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। हालांकि कुछ युवाओं ने मार्च को अडिग थे, जिन्हें पुलिस ने रोक दिया। इस दौरान धक्का-मुक्की हुई। मगर आयोजकों ने युवाओं को समझा कर शांत कराया।
धार्मिक आधार पर लाए जा रहे कानून की खिलाफत वक्त की मांग: सुबोधकांत
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा कि एनपीआर का विरोध इसलिए नहीं हो रहा है कि इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जा रही है। बल्कि, विरोध की वजह यह है कि पूरे देश में एनआरसी लागू करने की तैयारी है। धार्मिक आधार पर लाये जा रहे नागरिकता संशोधन कानून की खिलाफत वक्त की मांग है। कार्यक्रम में पूर्व विधायक अरूप चटर्जी, सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला सहित कई ने संबोधित किया।
पांच सूत्री राजनीतिक प्रस्ताव किया पारित
सभा के माध्यम से 5 सूत्री राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें एनपीआर, एनआरसी, नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने, जेएनयू, जामिया, अलीगढ़ समेत 33 विश्वविद्यालयों के छात्रों द्वारा जारी आंदोलन पर दमनात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने, उतर प्रदेश के आम लोगों पर बर्बर सरकारी दमन पर रोक लगाने, असम के डिटेंशन कैम्प और आन्दोलन के दौरान मृतकों को 10 लाख रुपए मुआवजा और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की गई।
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