गिरिडीह.मधुबन थाना क्षेत्र के मंगरगड्डी में शनिवार को भूख से एक वृद्धा की मौत हो गई। मृतका 65 वर्षीय सावित्री देवी के घर तीन दिन से चूल्हा नहीं जला था। चैनपुर पंचायत के मुखिया रामप्रसाद महतो और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी शीतल प्रसाद काशी ने भी भूख को मौत की वजह बताया है। सावित्री के घर के किसी भी सदस्य का न तो राशन कार्ड है, और न ही उसे विधवा या वृद्धावस्था पेंशन मिल रही थी। ये था पूरा मामला...
सावित्री देवी दो बहू और चार पोते-पोतियों के साथ गांव में रहती थीं। बड़ा बेटा हीरालाल महाराष्ट्र के भूसावल में और छोटा बेटा हुलास महतो यूपी के रामपुर में एक कंपनी में काम करता है। हुलास ने कहा-अभी कुछ दिन पहले ही काम शुरू किया है। इतने पैसे नहीं मिलते कि घर भेज सकें। बड़े भाई को भी छह महीने से वेतन नहीं मिला है। वहीं बड़ी बहू पूर्णिमा देवी ने कहा कि घर की हालत काफी दयनीय है। छह महीने से इधर-उधर से मांग कर पेट भर रही थीं। दस दिन पहले मां काली स्वयं सहायता समूह ने तीन किलो चावल दिया था। वह खत्म होने के बाद घर में चूल्हा नहीं जला था।
मुखिया बोले-मंजूरी के 4 साल बाद भी नहीं मिल रही थी पेंशन
मुखिया रामप्रसाद महतो ने कहा-15 जुलाई 2014 को सावित्री के नाम विधवा पेंशन की स्वीकृति मिली थी, लेकिन अब तक पेंशन मिलना शुरू नहीं हुआ था। 2011 के आर्थिक जनगणना के सेक डाटा में उसका नाम न होने के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी नहीं मिल पाया था।
विधायक बोले-विधानसभा में उठाऊंगा मामला
विधायक जगरनाथ महतो रविवार को गांव पहुंचे। राशन कार्ड न बनने पर उन्होंने प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी (बीसीओ) शीतल प्रसाद काशी को फटकार लगाई। उन्होंने कहा- मैं विधानसभा में इस मामले को प्रमुखता से उठाऊंगा और दाेषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करूंगा।
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