रांची. झारखंड में अब प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी, टीपीसी और पीएलएफआई कमजोर पड़ गए हैं। नक्सली वारदातों में कमी आई है। प्रभाववाले कई इलाकों से नक्सलियों के पैर उखड़ गए हैं। पिछले कुछ वर्षों में पुलिस की ओर से लगातार चलाए गए अभियान की वजह से ऐसा संभव हाे हुआ है। झारखंड पुलिस के अनुसार, राज्य में अब मात्र 550 माओवादी बचे हुए हैं। 250 पर इनाम घोषित है। 30 पर इनाम घोषित करने की प्रक्रिया चल रही है। बचे 550 माओवादियों के खात्मे के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बल लगे हुए हैं। इनमें सीआरपीएफ की 122, आईआरबी की 5 और झारखंड जगुआर की 40 कंपनी फोर्स लगी हुई है।
जनवरी 2019 से अब तक राज्य में 25 मुठभेड़, भारी पड़ी पुलिस,18 नक्सली मारे गए, 65 गिरफ्तार
2019 जनवरी से अबतक झारखंड में 25 से अधिक मुठभेड़ हुए, लेकिन हमेशा पुलिस ही नक्सलियों पर भारी रही। इन मुठभेड़ों में 18 नक्सली मारे गए। 65 से अधिक नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। वहीं चार नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया। 2010 के पूर्व नक्सली हमले करते थे, तो पुलिस सुरक्षात्मक रहती थी। लेकिन अब पुलिस आक्रामक दिख रही है। झारखंड और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के कोर ग्रुप तक पहुंचने में मिली कामयाबी के बाद सुरक्षा बलों के हौसले बुलंद हैं। 2018 में करीब 160 नक्सलियों को सुरक्षा बल के जवानाें ने मार गिराया था। वहीं 1200 नक्सली गिरफ्तार हुए। 360 ने हथियार डाल दिया। नक्सली हिंसा में 30 से 40 फीसदी तक कमी आई है।
नक्सलियों के कोड वर्ड पकड़ने से सुरक्षा बलों मिली सफलता
झारखंड पुलिस के अनुसार, स्थानीय खुफिया इनपुट की मदद से नक्सलियों के खिलाफ अभियान की सफलता का प्रतिशत बढ़ गया है। नक्सलियों के कोड वर्ड और उनकी लोकल भाषा काे समझने की वजह से जवानाें काे काउंटर रणनीति में सफलता मिल रही है। नक्सलियों द्वारा छुपाए गए डेटोनेटर और विस्फोटक भारी मात्रा में बरामद हुए हैं। नक्सलियाें द्वारा पुलिस पर हमले के लिए लगाए गए 250 आईईडी को भी विस्फोट से पहले ही निष्क्रिय करने में जवानाें काे सफलता मिली है। पुलिस का दावा है कि लगातार चलाए जा रहे अभियान से नक्सलियों को जान बचाने के लिए नए ठिकानों की तलाश में इधर-उधर भागना पड़ रहा है।
18 साल में हुए लैंड माइंस विस्फोट और मुठभेड़
वर्ष | विस्फोट | मुठभेड़ |
2001 | 08 | 312 |
2002 | 08 | 267 |
2003 | 10 | 322 |
2004 | 12 | 279 |
2005 | 08 | 223 |
2006 | 08 | 307 |
2007 | 03 | 478 |
2008 | 03 | 436 |
2009 | 41 | 512 |
2010 | 29 | 496 |
2011 | 06 | 504 |
2012 | 04 | 404 |
2013 | 04 | 349 |
2014 | 06 | 231 |
2015 | -- | 196 |
2016 | 04 | 196 |
2017 | 02 | 159 |
2018 | 03 | 145 |
2019 | -- | 025 |
510 जवान शहीद हुए 846 नक्सली मारे गए
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार 18 साल में 5,688 नक्सली हमले और घटनाओं में अब तक 510 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं, वहीं पुलिसिया कार्रवाई में 846 नक्सली मारे गए हैं।
सरायकेला-खरसावां में कई बड़े नक्सली
सरायकेला के कुचाई इलाके में पिछले चार महीने से कई बड़े माओवादी नेता कैंप कर रहे हैं। झारखंड पुलिस के खुफिया विभाग को जो सूचनाएं मिली हैं, उसके मुताबिक एक करोड़ का इनामी माओवादी और पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस भी फिलहाल सरायकेला में ही है। प्रशांत बोस के साथ 25 लाख का इनामी पतिराम मांझी उर्फ अनल दा, 15 लाख का इनामी जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक, 10 लाख का इनामी अमित मुंडा समेत 200 लोकल नक्सली सदस्य दस्ते के साथ सरायकेला-खरसावां में जमे हुए हैं।
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