टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ अररिया के बैनर तले शिक्षकों का एक समूह पलासी के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और पलासी के पंचायत राज पदाधिकारी के विरुद्ध बुधवार को समाहरणालय परिसर में अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठ गए। आमरण अनशन पर बैठे शिक्षक भूपेश कुमार विश्वास, शिक्षिका अनीता देवी ने डीपीआरओ द्वारा किए गए सामंजित आदेश पर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि अपनी ग़लती पर पर्दा डालकर शिक्षकों को मानसिक, शारीरिक तथा आर्थिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं।
डीइओ स्तर से निर्गत आदेश के बावजूद पलासी बीपीआरओ ने नियमावली का अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया है जो उनकी हठधर्मिता और वरीय पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना को प्रदर्शित करता है। इनका कहना है कि एक ही स्कूल में एक ही विषय के आठ शिक्षक हैं इसलिए समायोजन करना पड़ा। आखिर एक ही स्कूल में आठ शिक्षक यदि एक ही विषय के बहाल हो गए हैं तो इसके लिए दोषी नियोजन इकाई है। नियोजन इकाई पर कार्रवाई होनी चाहिए।
जब एक स्कूल से छात्र अनुपात में विषयवार रिक्ति विवरण भेजी जाती है और उसी रिक्ति के आधार पर जरूर के हिसाब से विषयवार शिक्षक का नियोजन किया जाता है। शिक्षक सेवा नियमावली 2020 में स्पष्ट रूप से नियमावली के लिए कंडिका 15 में अंकित है कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से आरोप सिद्ध होने पर एक बार समायोजन किया जा सकता है लेकिन महिला और दिव्यांग शिक्षकों का नहीं किया जा सकता है।
शिक्षकों का स्वास्थ्य बिगड़ा बुधवार को शाम होते ही प्रदर्शनकारी शिक्षकों की स्थिति बिगड़ती देख स्वास्थ्य कर्मी धरना स्थल पहुंचे और आमरण अनशन पर बैठे शिक्षकों का स्वास्थ्य जांच की है। प्रदर्शनकारी शिक्षकों का कहना है कि जब तक उनका स्थानांतरण रद्द नहीं किया जाता वह लोग आमरण अनशन जारी रखेंगे।
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