अररिया में कड़ी सुरक्षा में निकाली गई शोभायात्रा:भव्य यात्रा में गाजे-बाजे के साथ निकले श्रद्धालु, हजारों भक्त हुए शामिल

अररिया2 महीने पहले
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अररिया शहर के मारवाड़ी पट्टी स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर से रामनवमी के मौके पर भव्य शोभायात्रा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकाली गई। जिसमें भगवा ड्रेस और हाथ में श्री राम के नाम का ध्वजा लिए हजारों राम भक्तों ने शोभायात्रा में भाग लिया ओर वातावरण जय श्री राम के नारों से गूंज उठा। इस दौरान शहर के चंद्रा चौक स्थित श्री श्री 108 सार्वजनिक हनुमान मंदिर से भगवान श्री राम व सीता सहित लक्ष्मण की भव्य झांकी निकाली गई। जो शहर के बस स्टैंड होते हुए मारवाड़ी पट्टी स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर पहुंची जहां से दोनों मंदिर की शोभायात्रा एक साथ शहर के विभिन्न चौक चौराहे का भ्रमण करते हुए पुणे अपने-अपने स्थान पर पहुंची। जिसके बाद शोभा यात्रा का समापन्न किया गया।

इससे पहले शोभायात्रा चंद्रा चौक स्थित श्री श्री 108 सार्वजनिक हनुमान मंदिर में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पूजा अर्चना के साथ चौबीस घंटे का रामायण पाठ से पुरे इलाके का माहौल राममय बना उठा। रामनवमी रथ यात्रा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। विभिन्न चौक-चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी।

इसके अलावे तीन दर्जन से अधिक चिह्नित स्थानों पर पुलिस अधिकारियों के साथ मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गई थी। जुलूस के आगे पीछे सादे लिबास में भी पुलिस के जवांनों को विधि व्यवस्था संधारण को लेकर लगाया गया था। मौके पर एसपी अशोक कुमार सिंह, एसडीओ शैलेश चंद दिवाकर, एसडीपीओ पुष्कर कुमार, थाना अध्यक्ष शिवशरण साह सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी शहर में सुबह से ही लगातार गश्ती करते व निगरानी करते हुए विधि व्यवस्था बनाने में जुटे रहे। शोभा यात्रा में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम व सीता सहित लक्ष्मण की भव्य झांकी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा।इसके अलावे शहर के विभिन्न मंदिरों से निकली झांकियां एवं राम भक्त हनुमान वाली साज सज्जा की प्रस्तुति ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिला शक्ति भी भगवा वस्त्र उत्साहित देखे गए हैं। जो लगातार जयश्री राम का उद्घोष कर पूरा वातावरण को भक्तिमय बना रखा था। डीजे पर जयश्री राम के गीतों से शहर गुंजायमान था। रथयात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न स्थानों पर पेयजल,चना गुड़ और शरबत, चाकलेट का स्टॉल लगाकर वितरित किया जा रहा था। पूरा शहर को भगवा ध्वज और तोरण द्वार से सजाया गया था और शहर भगवामय हो गया।