नवीनगर एनपीजीसी परियोजना की बिजली से बिहार, गुजरात, यूपी समेत चार राज्य रोशन हो रहे हैं। यह परियोजना बिहार को बिजली के क्षेत्र में लगभग आत्मनिर्भर बना दिया है। यहां से सबसे सस्ती दर में सरकार को बिजली दी जाती है। 4 रुपये 55 पैसे के दर से प्रति यूनिट बिजली दी जाती है।
फिर बिजली खरीदकर बेचने वाली कंपनी ज्यादा दामों पर लोगों को आपूर्ति करती है। हालांकि बिहार में बिजली अन्य राज्यों की तुलना में कम दर पर लाेगों को दी जा रही है। उक्त बातें एनपीजीसी परियोजना के सीईओ डॉ. आरके पांडे ने कही। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को पूर्ण होने में 9 साल लग गए। कुछ विवाद और कोविड के कारण परियोजना के पूरी होने में विलंब हुआ।
बिहार को बिजली में इस परियोजना ने बनाया आत्मनिर्भर, सबसे सस्ती दर पर हो रही बिजली सप्लाई
हजारों लोगों को मिल रहा रोजगार, 22 गांवों को कंपनी ने ले रखा है गोद
सीईओ ने बताया कि नवीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी यानी एनपीजीसी शुरूआती दौर में 7500 लोगों को रोजगार दे रही थी, लेकिन अब प्रोजेक्ट खत्म हो गया है, लेकिन फिर भी 2500 लोगों को रोजगार मिलता रहेगा। हालांकि परियोजना से अलग-अलग तरीके से जुड़कर करीब पांच हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है।
इसके साथ-साथ परियोजना अपने बाढ़ प्रभावित गांवों को गोद लिया है। जहां पक्की सड़कें, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कर रही है। इसके साथ-साथ मोबाइल अस्पताल और स्कूलों में शौचालय और पाठ्य-पुस्तकों में मदद कर रही है। इसके साथ-साथ स्वरोजगार के लिए प्रभावित गांवों के लोगाें को समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
सरकार और मंत्रालय के मदद से सीसीएल से खरीद की जा रही
एक जून से एनपीजीसी की तीनों यूनिट से बिजली उत्पाद शुरू हो चुका है। इसे निर्बाध रूप से चलाने के लिए सरकार और मंत्रालय के मदद से हम सीसीएल से कोयला खरीद रहे हैं। इसके साथ-साथ कोयला संकट के बीच इंडोनेशिया से 5 लाख टन कोयला खरीद का करार किए हैं और वहां से मंगाया जा रहा है। अब लगभग कोयला संकट टल चुका है। एक समय था, जब हमारे पास एक दिन का कोयला बचता था, लेकिन अभी छह दिन का कोयला हमारे पास स्टॉक में रहता है।
बीसीसीएल से भी कोयला खरीद के लिए अनुबंध किए हैं। यह परियोजना सबसे सस्ती दर पर बिजली सप्लाई करती है। प्रेस वार्ता में एचआर हेड समिरन सिन्हा, डीजीएम पीआर आभा पांडे, वरीय अधिकारी एके पासवान मौजूद रहे।
तैयार हो सकती हैं एनपीजीसी की दो यूनिट
एनपीजीसी बिजली परियोजना 2971 एकड़ जमीन में फैला हुआ है। जिसमें तीन यूनिट लगाने के बाद भी दो यूनिट लगाने का जगह पर्याप्त बची है। इस योजना को 19412 करोड़ में तैयार करना है। 16975 करोड़ खर्च हो चुका है, लेकिन अभी 2437 करोड़ खर्च किया जाना है। निर्माण में सात लाख 3 हजार मिट्रिक टन मेटल का इस्तेमाल हुआ है।
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