स्कूल में बच्चों को छुट्टी के लिए अलग-अलग बहाने बनाते हुए आपने देखा होगा। बिहार के गुरु अवकाश के लिए अजब-गजब बहाने बनाने में इन बच्चों से भी आगे निकल गए हैं। एक शिक्षक ने अपने आवेदन में लिखा कि भोज खाने के बाद पेट खराब हो जाएगा...छुट्टी दें। वहीं दूसरे ने लिखा कि मेरी मां 5 दिसंबर को मर जाएंगी, इसलिए मुझे छुट्टी चाहिए।
दरअसल, बांका में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को एक आदेश में कहा गया है कि अगर आकस्मिक छुट्टी लेना होगा तो उसे कम से कम 3 दिन पहले आवेदन करना होगा। इस निर्देश का शिक्षक का विरोध भी करने लगे हैं। इसी क्रम में कई शिक्षकों ने अनेक तरह के बहाने बनाकर आवेदन किया है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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बांका के एक शिक्षक के नाम से आवेदन लिखा गया है कि 'मेरी मां 5 दिसंबर को मर जाएंगी, इसलिए मुझे छुट्टी चाहिए। वहीं दूसरे शिक्षक के हवाले से लिखा गया है - मैं 6 दिसंबर को भोज खाने जा रहा हूं और भोज खाने के बाद मेरा पेट खराब हो जाएगा। इसलिए मुझे 7 दिसंबर से 9 दिसंबर तक की छुट्टी दी जाए'। इस तरह की आवेदन की कॉपी सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है और लोग विरोध जताने के तरीके की तारीफ कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर जो लेटर वायरल हो रहा है उसमें विषय आकस्मिक अवकाश बताते हुए लिखा गया है-महाशय सविनय निवेदन है कि मैं 7 दिसंबर से 9 दिसंबर तक मेरा पेट खराब रहने के कारण विद्यालय कार्य में असमर्थ रहूंगा। क्योंकि मैं 7 दिसंबर को एक शादी समारोह में शामिल होंगे और श्रीमान को मालूम हो कि शादी समारोह में जमकर भोजन का लुत्फ लूंगा और फिर पेट खराब होना लाजमी है। अतः 3 दिन पूर्व ही आवेदन स्वीकृत करने की कृपा करें। यह पत्र शिक्षक नीरज कुमार ने लिखा है।
इस संबंध में भागलपुर प्रमंडल शिक्षक संघ के सदस्य अरूण कुमार सिंह ने बताया कि शिक्षकों को छुट्टी के लिए 3 दिन पहले सीएल लेने का आदेश दिया गया है। यह गलत है। ऐसा कभी आदेश हम लोगों ने सुना ही नहीं है कि छुट्टी के लिए 3 दिन पहले ही आवेदन देना पड़ता है। अब किसी को क्या पता है कि कल हमें कौन सा आवश्यक कार्य होगा तो ऐसे में 3 दिन पहले कोई कैसे छुट्टी के लिए प्रधानाध्यापक को आवेदन दे सकता है। इस नियम का जिला शिक्षा संघ पूर्णरूपेण विरोध करता है।
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