गिरी गाज:बिना सूचना के नप ईओ गायब, डीएम ने वेतन पर लगाई रोक, सरकारी वाहन कराया सीज

बांका6 दिन पहले
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  • मार्च क्लोजिंग और भुगतान नहीं होने से परेशान हैं ठेकेदार से लेकर अन्य कर्मचारी
  • डीएम ने कहा- नहीं मिलने की स्थिति में विभाग को संसूचित कर किसी अन्य को दिया जाएगा प्रभार

बांका नगर परिषद का कार्य इन दिनों भगवान के भरोसे चल रहा है, क्योंकि बांका नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी लापरवाह है और अपने ड्यूटी से बिना वरीय अधिकारियों व अधीनस्थ पदाधिकारी को सूचना दिये ही फरार हो जाते हैं। पिछले चार-पांच दिनों से नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी दीनानाथ सिंह बिना वरीय अधिकारियों को सूचना दिये ही फरार हैं। जिसकी जानकारी डीएम को मिलते ही जांच कराया तो मामला सही पाया गया। जिसके बाद डीएम अंशुल कुमार के द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी के वेतन पर रोक लगाते हुए कार्यपालक पदाधिकारी को आवंटित किये गये सरकारी वाहन को भी एमवीआई व बांका बीडीओ को भेजकर सीज करा लिया है, जो टाउन थाना परिसर में रखा गया है। लगातार कार्यपालक पदाधिकारी के मोबाइल नंबर पर भी संपर्क किया गया, लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा है, जिसके बाद ये कार्रवाई डीएम के द्वारा की गयी है। अगर इसी प्रकार उनकी सूचना नहीं मिलती है और उनसे संपर्क नहीं हो पाता है तो जिला प्रशासन की ओर से विभाग को सूचना देते हुए उनकी जगह दूसरे किसी पदाधिकारी को नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी का चार्ज सौंपा जा सकता है, और वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी शुरू की जा सकती है।

ईओ दीनानाथ सिंह पर विभागीय कार्रवाई की जा सकती है

मालूम हो कि मार्च माह में जब मार्च क्लोजिंग का समय है, ऐसे में बिना सूचना कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यस्थल से फरार हो जाने की वजह से कार्य प्रभावित हो रहा है। ठेकेदारों के बिल पंेंडिंग पड़े हुए हैं, तो नगर परिषद के अन्य कर्मियों तक के कार्य नहीं हो पा रहे है।

अपने शिथिल कार्य के लिए चर्चा में रहते है ईओ

जिले में योगदान के बाद से ही लगातार अपने शिथिल कार्य के लिए कार्यपालक पदाधिकारी दीनानाथ सिंह चर्चा में रहते हैं। जनवरी माह में नप के द्वारा निविदा निकाली गयी थी, ताकि शहर के सौदर्यीकरण व विकास को धरातल पर उतारते हुए शहर की खूबसूरती को चार चांद लगाया जा सके, लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी पिछले दो माह बीत जाने के बाद भी उक्त निविदा प्रक्रिया को पूर्ण नहीं कर सके है। वहीं कार्य किये गये संवेदकों के भुगतान में भी लेंदी प्रक्रिया अपनाये जाने का उनपर आरोप लग रहा है। कई ऐसे संवेदक भी है, जिनका सालों से भुगतान नहीं हुआ है। पिछले दिनों एक संवेदक के साथ भुगतान को लेकर भी विवाद हो गया था, इस क्रम में ईओ के द्वारा झूठा मुकदमा में फंसाने की भी साजिश रची थी।

कार्यपालक पदाधिकारी के फरार होना कोई नई बात नहीं, आए दिन हो जाते है यूं ही ड्यूटी से गायब
नगर परिषद के कई वार्ड सदस्यों का कहना है कार्यपालक पदाधिकारी का यूं ड्यूटी से गायब हो जाना कोई नई बात नहीं है। अक्सर वे इसी प्रकार से गायब हो जाया करते हैं। 4 फरवरी को उनकी मां का देहांत होने के बाद वे छुट्टी पर गये थे, लेकिन वे 25 फरवरी तक ड्यूटी पर नहीं लौटे, उसके बाद होली के अवसर पर उनकी ड्यूटी लगी थी, तब वे आये और फिर से ड्यूटी से गायब हैं। उनके गायब रहने की वजह से नगर परिषद के साफ-सफाई का कार्य जहां प्रभावित हो रहा है, तो अन्य फाइल भी लेंदी प्रोसेस में चली गयी है। नपं के वार्ड सदस्यों ने यहां तक कहा कि सीएम के कार्यक्रम के दौरान भी कार्यपालक पदाधिकारी गायब थे। साथ ही वार्ड सदस्यों का कहना है कि कार्यपालक पदाधिकारी आज का काम कल पर छोड़ने में भी माहिर है, जिसकी वजह से सारे फाइल लटका पड़ा रहता है।

बिना सूचना गायब रहने से राेका वेतन

ड्यूटी से बिना सूचना दिये गायब कार्यपालक पदाधिकारी के वेतन पर रोक लगा दी गयी है, जबकि उन्हें आवंटित किया गया वाहन को भी सीज कर लिया गया है। उनकी सूचना नहीं मिलने की स्थिति में विभाग को संसूचित कर किसी अन्य अधिकारी को उनका प्रभार दे दिया जाएगा, ताकि कार्य प्रभावित ना हो। -अंशुल कुमार, डीएम, बांका

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