हरि कीर्तन करने और सुनने से मनुष्य की जिंदगी में आई सभी बाधा टल जाती है। ये विचार व्यास पीठ से बोलते हुए सोमवार को जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद महाराज ने व्यक्त किये। वे प्रखंड क्षेत्र के मेहदाशाहपुर पंचायत में आयोजित वाणी विनायक श्रीराम चरित मानस गोष्ठी के स्वर्ण जयंती वर्ष के मौके पर संघ द्वारा आयोजित 20वां राष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने विभिन्न धार्मिक प्रसंगों की तार्किक एवं मनोहारी व्याख्या कर मौजूद लोगों को भावविभोर कर दिया।
आगे कहा कि कृष्ण भक्त मीरा बाई का कृष्ण भक्ति में नाचना गाना राज परिवार को अच्छा नहीं लगता था जिसके कारण कई बार उन्हें जहर देकर मारने का प्रयास किया गया लेकिन हरि भजन में लीन होने के कारण उन पर विष का कोई नहीं हुआ। उन्होंने भक्त प्रह्लाद के प्रसंग में बताया कि हरि कीर्तन की वजह से मौत ने उनके आगे घुटना टेक दिया था। इससे पहले उपस्थित श्रद्धालुओं ने शंकराचार्य को तिलक रोली लगाकर उनका वंदन किया एवं उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। आयोजन समिति के सदस्य अशोक सिंह, भोला झा, सूर्यकांत पाठक, पूर्व मुखिया निरंजन सिंह, मुखिया प्रतिनिधि बमबम कुमार, संतोष कुमार आदि सक्रिय रहे।
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